AI Engineer Atul Subhash ; बेंगलुरु : बेंगलुरु से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड से पहले उन्होंने 90 मिनट का वीडियो बनाया और 24 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक प्रताड़ना और पैसों की मांग का आरोप लगाया। अतुल समस्तीपुर, बिहार के रहने वाले थे और 9 दिसंबर को उन्होंने यह कदम उठाया। आइए जानते है इस पूरे मामले को विस्तार से…
2019 में हुई थी शादी
दरअसल, अतुल बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में निकिता सिंघानिया से शादी की थी। शादी के कुछ समय बाद ही विवाद शुरू हो गए। सुसाइड नोट में अतुल ने बताया कि उनकी पत्नी और ससुराल वाले उन पर पैसों की मांग और कई गंभीर आरोप लगाते रहे।आत्महत्या करने से पहले अतुल ने ससुराल वालों पर आरोप लगाया कि पत्नी ने तलाक के लिए 3 करोड़ रुपये और हर महीने 2 लाख रुपये गुजारा भत्ता मांगा था। उन्होंने बताया कि पत्नी ने बेटे का चेहरा तक नहीं देखने दिया। पत्नी के पिता की बीमारी से मौत के बाद ससुराल वालों ने हत्या का आरोप लगाते हुए मुझपर एफआईआर दर्ज करवाई थी। मैं यह सब से तंग आ गया था।
Ma’am, they’re demanding more than my capacity, I’ll have no option but suicide
-Wife says then do it
-Judge laughs
-Man commits suicide
40-page suicide Note + 1.30-hour suicide video 😥#LegalTerrorism has murdered AtulSubhash.😢#JusticeforAtulSubhash
pic.twitter.com/7r9PBqdUZk— Virat👑Rocky✨️ (@Virat_Rocky18) December 10, 2024
केस और कोर्ट की परेशानियां
अतुल ने आगे बताया कि पत्नी ने लोअर कोर्ट में 6 और हाई कोर्ट में 3 केस दर्ज कराए। अब तक कुल 120 बार कोर्ट में तारीख लगी है। कोर्ट ने उन्हें पत्नी को हर महीने 80,000 रुपये मेंटिनेंस देने का आदेश दिया है।
महिला जज पर रिश्वत और पक्षपात के आरोप
अतुल ने जौनपुर फैमिली कोर्ट की महिला जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए।
– जज ने मामला निपटाने के लिए 5 लाख रुपये रिश्वत मांगी।
– जज ने उनके खिलाफ 3 करोड़ रुपये मेंटिनेंस देने का दबाव बनाया।
– जज और उनकी पत्नी ने अदालत में उनका मजाक उड़ाया और आत्महत्या के लिए उकसाया।
सुसाइड से पहले अतुल का वीडियो और सुसाइड नोट
अतुल ने सुसाइड से पहले 90 मिनट का वीडियो बनाया और 24 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि एक दिन कोर्ट में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने उन्हें देखकर कहा, “अरे तुम अभी तक सुसाइड नहीं किए?” इस पर अतुल ने जवाब दिया, “मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी?” इसके जवाब में पत्नी ने कहा, “तब भी पार्टी चलेगी। तुम्हारा बाप पैसा देगा। पति के मरने पर सब कुछ वाइफ का होता है। तेरे मरने के बाद तेरे मां-बाप भी जल्दी मरेंगे, और उसमें भी बहू का हिस्सा होता है।”
अदालत में महिला जज का रवैया
Family court..distroyed the family..!
Men often suffer in silence, burdened by responsibilities, yet their struggles remain unseen.
Gender equality is a myth that rarely touches the reality…!😥#MenToo#JusticeForAtulSubhash#AtulSubhash pic.twitter.com/iAomuqp6WN— चंदन मिश्र (@_chandanmishra_) December 10, 2024
अतुल ने आरोप लगाया कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट की महिला जज रीता कौशिक उनके साथ पक्षपात करती थीं।
– जज ने अदालत में उनकी पत्नी की बातों और अपमानजनक टिप्पणियों पर हस्तक्षेप नहीं किया।
– सुनवाई के दौरान, जब पत्नी ने उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया, तो जज ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हंस पड़ीं।
– अतुल को ऐसा महसूस हुआ कि न केवल उनकी पत्नी, बल्कि न्याय प्रणाली भी उनके खिलाफ है।
सुसाइड नोट का यह हिस्सा क्यों महत्वपूर्ण है?
– यह घटना बताती है कि अतुल मानसिक और भावनात्मक रूप से कितने परेशान थे।
– पत्नी और कोर्ट के रवैये ने उन्हें ऐसा महसूस कराया कि उनके पास कोई सहारा नहीं है।
– यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत विवाद का नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता और संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करता है।
माता-पिता की गुहार: “बेटे को इंसाफ चाहिए”
वहीं अतुल की मौत के बाद उनकी मां और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी मां ने बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाई है। अतुल की मौत के बाद उनकी पत्नी और ससुराल वालों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। माता का कहना है कि उनके बेटे ने जिस तरह की मानसिक और कानूनी प्रताड़ना झेली, वह किसी और को न झेलनी पड़े।
अतुल की मां ने आगे कहा, “मेरा घर बर्बाद हो गया। मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। उसने करोड़ों लोगों को कानून के बारे में जागरूक कर दिया। अब मेरा बच्चा चला गया, तो उसे इंसाफ दिला दीजिए।”
पिता की अपील:
अतुल के पिता ने कहा कि उनका बेटा हमेशा सच्चाई के लिए लड़ता रहा। उसे कानून और कोर्ट से न्याय की उम्मीद थी, लेकिन जब न्याय की जगह उसे अपमान और पक्षपात मिला, तो वह टूट गया। उन्होंने न्यायपालिका और सरकार से अपील की है कि उनके बेटे के मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
परिवार की मांग:
– न्याय की उम्मीद: परिवार ने सरकार और न्यायालय से मामले की गहन जांच और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
– कानून में बदलाव की अपील: माता-पिता ने कहा कि ऐसे कानून बनने चाहिए, जो पुरुषों के साथ हो रही प्रताड़ना को रोक सकें।
– दोषियों को सजा: परिवार ने पत्नी, ससुराल वालों और न्याय प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग की।
सिस्टम की विफलता पर सवाल
सोशल एक्टिविस्ट बरखा त्रेहान ने इसे सिस्टम की विफलता बताया। अतुल के सुसाइड ने समाज में चल रहे पुरुषों के प्रति पक्षपाती कानून और मानसिक प्रताड़ना पर बहस छेड़ दी है। अतुल के सुसाइड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सिस्टम में सुधार और अतुल को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
यह घटना ना केवल एक व्यक्ति की त्रासदी है, बल्कि यह सिस्टम में सुधार की जरूरत को भी उजागर करती है। अतुल के परिवार को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।