वादे के मुताबिक 20 दिन से पहले ही मुआवजा बांटने का काम शुरू : CM Mann

अबोहर (फाजिल्का) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को बारिश के कारण फसलों को हुए नुक्सान के लिए मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू की और पहले ही दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने फाजिल्का जिले के 362 गांवों को मुआवजे के तौर पर कुल 12.94.

अबोहर (फाजिल्का) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को बारिश के कारण फसलों को हुए नुक्सान के लिए मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू की और पहले ही दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने फाजिल्का जिले के 362 गांवों को मुआवजे के तौर पर कुल 12.94 करोड़ रूप में से 6 करोड़ रुपए खुद बांटे हैं। उन्होंने कहा, ‘आज के दिन को खुशी वाला दिन नहीं कहा जा सकता, क्योंकि मैं प्रकृति के कहर के कारण किसानों के हुए नुक्सान की भरपाई करने के लिए यहां आया हूं। संकट की इस घड़ी में प्रभावित हुए लोगों खासकर किसानों को राहत देने के लिए आपकी सरकार दृढ़ वचनबद्ध है।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश हाने के बाद उन्होंने जमीनी स्तर पर हालात का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। मान ने कहा कि इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने लोगों के हुए नुक्सान का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर विशेष गिरदावरी करने के आदेश दिए हैं। इस बार की गिरदावरी में पिछली सरकार के मुकाबले निर्णायक परिवर्तन हुआ है, क्योंकि पहले केवल खोखले दावे ही होते थे और जमीनी स्तर पर लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को फसलों के हुए नुक्सान की मुआवजा राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। यदि नुकक्सान 75 प्रतिशत से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी।

इसी तरह उन्होंने कहा कि यदि नुक्सान 33 से 75 प्रतिशत तक होता है तो किसानों को 6800 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार फसलों के हुए नुकसान के 20 दिनों के अंदर मुआवजा बांटने की मुहिम शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण किसानों की फसल के हुए नुक्सान के लिए केंद्र को मुआवजा देने के लिए मिन्नतें करने की बजाय गेहूं के टूटे और सिकुड़े दानों पर केंद्र सरकार द्वारा मूल्य में से की जा रही कटौती के कारण किसानों पर पड़े आर्थिक बोझ का सारा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।

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