नई दिल्ली : पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा कहा जाने वाला बांग्लादेश आज भारत की वजह से स्वतंत्र देश है। यह स्वतंत्रता उसे भारत ने ही दिलवाई है। वैसे तो 1971 से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे रहे हैं। दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध सदैव रहे हैं। पर अब जब से नोबेल शांति वाले मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली है, यह देश कट्टरपंथ की राह पर चलने लगा है । वहां का हर मुसलमान अब दोस्ती की भाषा को भूलते जा रहा है । कभी हिंदुओं से प्यार करने वाला बांग्लादेश अब हिंदू और भारत के नागरिकों से नफरत करते जा रहा है। वहां अब हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे है। उनके मंदिर को तोड़ा जा रहा है। मूर्तियों को जलाया जा रहा है। इतना ही नहीं, अब तो हिंदुओं को काटने तक की बात कहीं जा रही है। साथ ही कई लोगों को धमकियां भी दी जा रही है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। आइए जानते है विस्तार से…
कभी गहरे रिश्ते हुआ करते थे, दोनों देशों के बीच
आपको बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच कभी गहरे रिश्ते हुआ करते थे, लेकिन आज के हालात काफी बदल चुके हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव क्यों बढ़ रहा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। इस्कॉन मंदिरों को निशाना बनाते हुए हमले किए जा रहे हैं। कई मंदिरों को तोड़ा गया है और मूर्तियां जलाई गई हैं। पिछले कुछ समय में इस्कॉन के कई केंद्रों पर हमले हुए हैं, जहां उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इससे यह सवाल उठता है कि बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता की स्थिति क्यों पैदा हो रही है।
खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं
वहीं कुछ दिन पहले ही एक कट्टरपंथी नेता ने खुलेआम इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है और कहा है कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती, तो वे हिंसा का सहारा लेंगे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और इस तरह की धमकियों से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय में डर का माहौल बन गया है।
ढाका में भारत विरोधी प्रदर्शन
हाल ही में ढाका में एक बड़ा भारत विरोधी प्रदर्शन हुआ, जिसमें कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों ने खुलेआम भारत के खिलाफ नारेबाजी की। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तान समर्थक झंडे लहराए गए, और उग्रवादियों ने भारत पर हमले करने की धमकियां दी। हैरान करने वाली बात यह थी कि पुलिस इन उपद्रवियों की सुरक्षा कर रही थी, जो कि बांग्लादेश सरकार की ओर से इन गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई न किए जाने का संकेत है।
पाकिस्तान से बढ़ती दोस्ती
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ने के साथ ही बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में गर्मजोशी देखने को मिल रही है। हाल ही में बांग्लादेश ने पाकिस्तान से समुद्री संपर्क स्थापित किया है, और अगले साल से दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क भी शुरू होने जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है।
शेख हसीना की सत्ता और मोहम्मद यूनूस की भूमिका
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है, और उनकी जगह मोहम्मद यूनूस के नेतृत्व में एक नई सरकार आने के बाद से देश में कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा मिल रहा है। इस बदलाव ने बांग्लादेश के धार्मिक माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े हैं।
भारत का बांग्लादेश में हस्तक्षेप
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है, लेकिन बांग्लादेश इसे भारत का आंतरिक मामले में हस्तक्षेप मानता है। बांग्लादेश ने भारत से कहा है कि वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल न दे। इस कारण दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ रही है।
बांग्लादेश का आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब यह रिश्ते एकतरफा होते जा रहे हैं। बांग्लादेश भारत से बिजली, डीज़ल, चावल और आलू आयात करता है, लेकिन भारत से बांग्लादेश को बहुत कम चीजें मिलती हैं। इसके अलावा, बांग्लादेशी नागरिकों को अब भारत आने के लिए वीज़ा में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि पहले यह प्रक्रिया बहुत सरल थी।
वीज़ा नीति में सख्ती
अगस्त 2019 के बाद से भारत ने बांग्लादेश के नागरिकों के लिए वीज़ा नियमों में सख्ती बढ़ा दी है, जिससे बांग्लादेश के नागरिकों को भारत जाने में मुश्किलें हो रही हैं। इस बदलाव के कारण दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव आ गया है।
भारत के विदेश सचिव का बांग्लादेश दौरा
आपको बता दें कि हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को देखते हुए, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री नौ दिसंबर को बांग्लादेश जाने वाले हैं। इस दौरे के दौरान वे बांग्लादेश सरकार के साथ कई अहम बैठकें करेंगे। हालांकि, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने इस यात्रा पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और विपक्षी दलों के खिलाफ हमले लगातार जारी हैं।
रिश्तों में सुधार की दिशा
बीबीसी के अनुसार, बांग्लादेश के पूर्व राजदूत हुमायूं कबीर ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि भारत ने बांग्लादेश की घरेलू राजनीति को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने के लिए भारत को वीज़ा नीति को उदार बनाना चाहिए।