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शेख हसीना की बढ़ेगी मुश्किलें, बांग्लादेश ने इंटरपोल से की रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग… जानिए क्या होता है इसका मतलब

इंटरनेशनल डेस्क : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पीछले साल अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारत आ गई थी। जिसके बाद से आज तक वो भारत में ही रह रही है। बता दें कि उनका यह कदम उस समय उठाया गया, जब बांग्लादेश में छात्रों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विरोध.

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इंटरनेशनल डेस्क : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पीछले साल अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारत आ गई थी। जिसके बाद से आज तक वो भारत में ही रह रही है। बता दें कि उनका यह कदम उस समय उठाया गया, जब बांग्लादेश में छात्रों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने उनकी पार्टी, अवामी लीग (एएल) की 16 साल पुरानी सरकार को उखाड़ फेंका था। शेख हसीना, जो अब 77 साल की हो चुकी हैं, 5 अगस्त, 2024 से भारत में हैं। वहीं अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक नई कार्रवाई की योजना बनाई है। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख, प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के खिलाफ पुलिस द्वारा शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस की मांग

आपको बता दें कि बांग्लादेश की नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) ने इंटरपोल को एक आवेदन भेजा है, जिसमें उसने शेख हसीना समेत 12 लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। रेड कॉर्नर नोटिस का उद्देश्य उन व्यक्तियों को पकड़ना है जो किसी देश से भागकर अन्य देशों में छिपे होते हैं। इंटरपोल इस नोटिस के आधार पर उन व्यक्तियों की तलाश करता है और उनकी जानकारी संबंधित देशों के अधिकारियों से साझा करता है, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके या प्रत्यर्पित किया जा सके। एनसीबी के इस आवेदन को बांग्लादेश के न्यायालयों, अभियोजकों और जांच एजेंसियों की अपीलों के आधार पर दायर किया गया है। बांग्लादेश के पुलिस मुख्यालय के सहायक महानिरीक्षक एनामुल हक सागर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ये आवेदन आरोपों और चल रहे मुकदमों के आधार पर दायर किए गए हैं।

शेख हसीना और अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने शेख हसीना और उनके कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस गिरफ्तारी वारंट के जारी होने के बाद, आईसीटी के मुख्य अभियोजक ने पुलिस से शेख हसीना और अन्य भगोड़ों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से मदद लेने को कहा था।

भारत पर बांग्लादेश का दबाव 

बांग्लादेश सरकार शेख हसीना और उनके अन्य सहयोगियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए भारत पर दबाव बना रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि वे शेख हसीना को भारत से वापस लाने के प्रयास जारी रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की भी मांग करेंगे। बांग्लादेश की यह कार्रवाई भारत के लिए एक चुनौती बन सकती है, क्योंकि शेख हसीना और उनकी पार्टी, अवामी लीग भारत समर्थक मानी जाती हैं। जब बांग्लादेश ने शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की थी, तब भारत ने उस अनुरोध को ठुकरा दिया था। भारत ने यह कारण बताया था कि शेख हसीना के खिलाफ आरोप राजनीतिक और राजनीतिक विरोधी रणनीतियों का हिस्सा हो सकते हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव..

बांग्लादेश के प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस, जो वर्तमान में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार हैं, भारत के साथ अपनी नीतियों को लेकर सख्त रुख अपनाते दिख रहे हैं। यूनुस का पाकिस्तान और चीन के साथ करीबी संबंध हैं, जबकि भारत के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप भी उन पर लगता है। अगर इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है और शेख हसीना को गिरफ्तार करने के लिए दबाव बढ़ता है, तो भारत के लिए यह एक जटिल स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि भारत और बांग्लादेश के बीच यह मुद्दा और ज्यादा विवादास्पद हो सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम से बांग्लादेश की राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में और उथल-पुथल का खतरा बढ़ सकता है। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की कार्रवाई और भारत में उनके ठहरने को लेकर होने वाली कानूनी उलझनें आने वाले समय में दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती हैं।

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