ढाका : आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में शुरू हुआ आंदोलन और हिंसक हो गया है। रविवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। इस दौरान कई जगहों पर उनके और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, कहा जा रहा है कि वह सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत आ रही हैं।
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। साथ ही 500 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसी के साथ 19 पुलिसकर्मियाें की मौत भी हाे गई हैं। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हो गए हैं। राजधानी ढाका सहित देशभर में सेना तैनात की गई हैं। सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही अगले 3 दिनों के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। प्रदर्शनकारियों ने आज ढाका तक ‘लॉन्ग मार्च’ की योजना बनाई है। प्रदर्शनकारियों ने आम जनता से सोमवार को ढाका तक होने वाले लॉन्ग मार्च में शामिल होने की अपील की है।
साथ ही देशभर की सभी अदालतों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि बंद के दौरान सिर्फ बेहद जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी। इसके लिए चीफ जस्टिस इमरजेंसी बेंच का गठन करेंगे। इसके अलावा नरसिंगडी जिले में प्रदर्शनकारियों ने पीएम हसीना की पार्टी अवामी लीग के 6 कार्यकर्ताओं की मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में जुलूस निकाला जिससे अवामी लीग के कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की, जिसमें 4 लोग घायल हो गए। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जवाबी फायरिंग की। अवामी लीग के कार्यकर्ता डर के मारे एक मस्जिद में छिप गए, जहां से उन्हें घसीटकर बाहर निकाला गया और पीटा गया, जिसमें 6 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई।