नेशनल डेस्क : दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना तब सामने आई जब उनके घर में आग लग गई और परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। जज इस दौरान शहर से बाहर थे। जब आग बुझाने वाली टीम घर में पहुंची, तो उन्हें बड़ी मात्रा में कैश मिला। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को ट्रांसफर करने का फैसला किया और उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की। इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगा कि आखिर कोई व्यक्ति घर में कितनी नकदी रख सकता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
घर में कितना कैश रखना सही है ?
दरअसल, इस पर टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि इनकम टैक्स एक्ट में घर में नकदी रखने के लिए कोई सीमा नहीं है। हालांकि, इसका स्रोत स्पष्ट होना चाहिए। यानी, उस धन का स्रोत क्या है, इसकी पूरी जानकारी आपको देनी होगी और यह जानकारी अपनी आयकर रिटर्न (ITR) में सही तरीके से भरनी होगी।
घर में कितना कैश रखना सही है?
आपको बता दें कि घर में कैश रखने की कोई स्पष्ट सीमा नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ अहम नियम और सावधानियां हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। इसे समझने के लिए हमें आयकर कानून (Income Tax Act) और अन्य वित्तीय नियमों को ध्यान में रखना होगा।
भारत के इनकम टैक्स एक्ट के तहत घर में नकदी रखने की कोई स्पष्ट सीमा नहीं है। आप घर में कितनी भी नकदी रख सकते हैं, बशर्ते उसका स्रोत साफ और कानूनी हो। इसका मतलब है कि आपके पास जो भी धन है, वह स्रोत प्रमाणित होना चाहिए और इसकी जानकारी आपको अपनी आयकर रिटर्न (ITR) में देनी होगी। अगर आप यह नहीं बता पाते कि आपके पास इतनी नकदी कहां से आई, तो वह धन अघोषित माना जाएगा और उस पर भारी टैक्स लगाया जा सकता है।
यदि आप घर में नकदी रखना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप यह बता सकें कि यह धन कहां से आया है। उदाहरण के लिए, यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपकी कैश बुक और बैंक लेन-देन से इसका मेल खाना चाहिए। यदि आप व्यवसायिक नहीं हैं, तो आपको यह साबित करना होगा कि आपके पास जो नकदी है, वह वैध स्रोतों से आई है (जैसे: बैंक से निकाली गई राशि, पैतृक संपत्ति, आदि)। इसके लिए आपको अपने वित्तीय रिकॉर्ड को सही तरीके से मेंटेन करना होगा। किसी भी तरह की नकदी के स्रोत को साबित करने में विफल रहने पर उस पर टैक्स लगाया जा सकता है।
अगर आप अपने पास रखी नकदी का स्रोत नहीं बता पाते, तो आयकर विभाग उस नकदी को अघोषित (Undisclosed) मान सकता है। ऐसा होने पर उस नकदी पर भारी टैक्स लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी अघोषित नकदी पर 78% टैक्स लग सकता है, जिसमें 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% हेल्थ एंड एजुकेशन सेस शामिल होते हैं।
यदि आप जानबूझकर अपनी आय छुपाते हैं या नकदी के स्रोत के बारे में झूठ बोलते हैं, तो यह कर चोरी के श्रेणी में आता है। इसके लिए आपको जुर्माना और सजा का सामना करना पड़ सकता है। ब्लैक मनी एक्ट, 2015 के तहत जानबूझकर कर चोरी करने पर 3 से 10 साल तक की सजा और जुर्माना का प्रावधान है।
यदि आप बिना बैंक के नकदी रखते हैं, तो यह आपके लिए जोखिम पैदा कर सकता है। यदि आपको अचानक कैश की जरूरत होती है, तो इसे आपके पास रखना एक बड़ा खतरा हो सकता है। इसके अलावा, बिना बैंक लेन-देन के कैश रखना सरकार के नजरिए से संदिग्ध हो सकता है। इसलिए, बैंक में अपना पैसा रखना अधिक सुरक्षित और कानूनी दृष्टिकोण से सही है।
अगर आपके पास अधिक नकदी है, तो आपको इसे सही तरीके से रिकॉर्ड करना होगा। सभी वित्तीय लेन-देन (जैसे बैंक से निकाली गई राशि, पैतृक संपत्ति से मिली रकम, आदि) का हिसाब रखना चाहिए। यह आपको किसी भी कानूनी समस्या से बचाने में मदद करेगा।
घर में कैश रखना पूरी तरह से कानूनी है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह धन वैध स्रोत से आया हो और उसका रिकॉर्ड रखा गया हो। किसी भी प्रकार की कर चोरी से बचने के लिए यह जरूरी है कि सभी वित्तीय लेन-देन पारदर्शी और सही तरीके से किए जाएं।