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CM हेमंत सोरेन ने लिया बड़ा फैसला, झारखंड में गुटखा और पान मसाला पर लगाया पूर्ण प्रतिबंध

झारखंड सरकार ने राज्य में गुटखा और निकोटिन एवं तंबाकू युक्त पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी

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Gutkha and Pan masala Ban in Jharkhand

झारखंड सरकार ने राज्य में गुटखा और निकोटिन एवं तंबाकू युक्त पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह प्रतिबंध नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि से अगले एक साल तक के लिए प्रभावी होगा।

बताया गया है कि स्थिति की समीक्षा के बाद प्रतिबंध की अवधि आगे भी बढ़ाई जाएगी। झारखंड में इसके पहले वर्ष 2020 में भी गुटखा (Gutkha) और पान मसाला (Pan masala) के 11 ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो वर्ष 2023 के जून महीने तक प्रभावी था। करीब डेढ़ साल से प्रतिबंध निष्प्रभावी था। इस बार गुटखा के साथ-साथ निकोटिन और तंबाकू युक्त सभी तरह के पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त अजय कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, यह प्रतिबंध फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के सेक्शन 30 (2)(ए) और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (प्रोहिबिशन एंड रिस्ट्रिक्शन ऑन सेल्स) रेगुलेशन, 2011 के रेगुलेशन 2, 3 और 4 के तहत लगाया गया है। सरकार ने संबंधित विभाग को इस प्रतिबंध के बारे में संचार माध्यमों में आम सूचना जारी करने का निर्देश दिया है। किसी भी दुकान में गुटखा और तंबाकू या निकोटिन युक्त पान मसाला (Pan masala) बिकता हुआ पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि राज्य के सभी सिविल सर्जनों और संबंधित सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे सरकार की ओर से लागू किए जा रहे प्रतिबंधों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पूर्व में ही कहा था कि राज्य की युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य और हितों को ध्यान में रखकर पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। कैंसर दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राज्य में ओरल कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि राज्य में एक लाख की आबादी पर करीब 70 लोग कैंसर पीड़ित हैं। इनमें 40-45 मरीज ओरल कैंसर से पीड़ित हैं और इसकी मुख्य वजह तंबाकू और गुटखा है।

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