नई दिल्ली : भारत सरकार ने इस साल के लिए ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा कर दी है। खेल मंत्रालय द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, चार एथलीटों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इनमें ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर, शतरंज वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश, हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार शामिल हैं।
ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता
- मनु भाकर
मनु भाकर 22 साल की शूटिंग एथलीट हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते थे। इस प्रकार, वह ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली एथलीट बनीं। - डी गुकेश
18 वर्षीय शतरंज ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने हाल ही में शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्होंने पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम को ऐतिहासिक गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। - हरमनप्रीत सिंह
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को लगातार दूसरा ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। - प्रवीण कुमार
पैरा एथलीट प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। वह हाई-जंप स्पर्धा के विजेता रहे और भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।पुरस्कार वितरण
चारों एथलीटों को 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति के हाथों ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
अर्जुन अवॉर्ड के लिए 32 खिलाड़ियों का चयन
खेल मंत्रालय ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए 32 खिलाड़ियों के नाम की भी घोषणा की है, जिसमें 17 पैरा एथलीट भी शामिल हैं। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
बता दें कि इस साल के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए दिग्गज एथलीट सुचा सिंह और मुरलीकांत राजाराम पेटकर का नाम चुना गया है। इन दोनों ने अपने-अपने खेलों में उल्लेखनीय योगदान दिया और भारत का नाम रोशन किया। ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की घोषणा ने भारतीय खेल जगत को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। इन एथलीटों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है। इन पुरस्कारों से न केवल इन एथलीटों को सम्मान मिलेगा, बल्कि अन्य युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।