नई दिल्ली : 1 जनवरी 2025 को भारत में ‘जनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म हुआ। यह बच्चा मिजोरम के आइजोल शहर में डर्टलैंग स्थित सिनॉड अस्पताल में पैदा हुआ। इस बच्चे का नाम फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग है। बच्चे का जन्म 1 जनवरी को सुबह 12:03 बजे हुआ था, और यह पीढ़ी की शुरुआत को चिह्नित करता है। जन्म के समय उसका वजन 3.12 किलोग्राम था। अस्पताल की सिस्टर लालछुआनावमी ने बताया कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।
फ्रेंकी के परिवार की खुशी
आपको बता दें कि फ्रेंकी परिवार का नया सदस्य है, जिसमें उसकी बड़ी बहन, मां रामजिरमावी और पिता जेडडी रेमरुअत्संगा शामिल हैं। परिवार आइजोल के खटला ईस्ट इलाके में रहता है। मां ने इस खुशखबरी पर अपनी खुशी जाहिर की और देश के पहले बीटा बच्चा देने का गर्व महसूस किया।
मिजोरम में देश के पहले Generation Beta बेबी का जन्म 1 जनवरी, 2025 को सुबह 12:03 बजे आइजोल के Durtlang स्थित Synod Hospital में हुआ।
Rankie Remruatdika Zadeng भारत में जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा है ।#GenerationBeta | #GenerationBetaBaby pic.twitter.com/JiWOAXQLZI
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) January 4, 2025
जनरेशन बीटा क्या है?
जनरेशन बीटा उन बच्चों की पीढ़ी को कहा जाता है जो 2025 से लेकर 2039 के बीच पैदा होंगे। यह पीढ़ी तकनीकी रूप से बहुत सक्षम होगी और उनके जीवन के हर पहलू में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन का प्रभाव होगा। इस पीढ़ी के बच्चे स्मार्टफोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ बड़े होंगे। इसके अलावा, वे वर्चुअल रियलिटी (VR) और अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करेंगे।
शिक्षा प्रणाली में बदलाव
वहीं जनरेशन बीटा के बच्चों की शिक्षा प्रणाली में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उनकी शिक्षा में AI-समर्थित टूल्स और वर्चुअल क्लासरूम का उपयोग किया जाएगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया और भी उन्नत होगी। जनरेशन बीटा का जीवन तकनीकी नवाचारों के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ होगा। यह पीढ़ी नई तकनीकों को स्वाभाविक रूप से अपनाएगी और इनके लिए तकनीक से भरी दुनिया एक सामान्य बात होगी। इस पीढ़ी के बच्चे ऐसी दुनिया में रहेंगे, जहां तकनीकी विकास हमारी जीवनशैली का एक अहम हिस्सा बन चुका होगा। जनरेशन बीटा का आगमन आने वाली पीढ़ी के लिए नई तकनीकों और उन्नत जीवनशैली के साथ बदलाव लेकर आएगा। यह पीढ़ी तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम होगी और दुनिया में होने वाले परिवर्तनों को अपनी रचनात्मकता से आगे बढ़ाएगी।