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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वर्ष 2024 भले ही दुनिया के लिए हल-चल भरा रहे लेकिन भारत इन चुनौतियों से निपटने, अपनी बढ़ती वैश्विक भूमिका को बरकरार रखने और विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए राजनीतिक व आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में है। केंद्रीय मंत्री अपनी नयी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे, जिसमें उन्होंने ‘रामायण’ को व्यापक परिप्रेक्ष्य में रखते हुए आजादी के बाद से भू-राजनीति और भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय जाहिर की है। विदेशी राजनयिकों, रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों, शिक्षाविद् और बुद्धिजीवियों के एक समूह को बुधवार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि 2024 भी हलचल भरा रहेगा और जिन कारकों ने 2023 में उथल-पुथल मचाई, वे इस वर्ष भी प्रभावी रहेंगे।”
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत पूरे आत्मविश्वास के साथ 2024 में अपनी बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”आज हम जिस स्थिति में हैं फिर चाहे वह राजनीतिक रूप से हो या आर्थिक रूप से, जब आप ऐसे कई सामाजिक परिवर्तनों और बढ़ी हुई क्षमताओं को देखते हैं तो मैं आखिर में यह कहना चाहूंगा कि हम बहुत मजबूत स्थिति में हैं।”
स्वतंत्रता के बाद चीन के साथ भारत के संबंधों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि हमारा दृष्टिकोण ‘भारत के पक्ष में अधिक’ होना चाहिए था। उन्होंने विशेष रूप से आजादी के बाद के पहले दशक का जिक्र किया। जयशंकर ने कहा, ”और यह मेरी कल्पना नहीं है। मेरा मतलब है कि इसके रिकॉर्ड मौजूद हैं। सरदार (वल्लभभाई) पटेल और पंडित नेहरू के बीच चीन को लेकर पत्रों का आदान-प्रदान हुआ था और उनके विचार बिल्कुल अलग-अलग थे।”
विदेश मंत्री ने चीन के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने और इस मामले पर पंडित नेहरू के दृष्टिकोण का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मतलब है कि नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि पहले चीन को सुरक्षा परिषद में अपनी जगह बना लेने दें।’’