चंडीगढ़ : पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट पर 10 मई को होने वाला उपचुनाव भगवंत सिंह मान नीत आम आदमी पार्टी सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। उपचुनावों की घोषणा बुधवार को निर्वाचन आयोग ने की है। उपचुनाव इसी वर्ष 14 जनवरी को सांसद संतोख सिंह चौधरी (कांग्रेस) की ‘भारत जोड़ो यात्र’ के दौरान मृत्यु के कारण हो रहे हैं। उपचुनावों की घोषणा ऐसे समय हुई है जब खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ छेड़ा पुलिस अभियान सरकार के गले की फांस बन गया है क्योंकि 18 मार्च को जालंधर में ही पुलिस ने अभियान शुरु किया था लेकिन अमृतपाल पुलिस के हाथ नहीं आ सका। अभियान के कारण इंटरनेट बंदी, सैकड़ों गिरफ्तारियों, जिनमें से आधे से ज्यादा (353 में से 197) को पुलिस को छोड़ना पड़ा है, पत्रकारों समेत सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं के ट्विटर खातों पर रोक लगाने को लेकर सरकार की काफी आलोचना हुई है। अब इस अभियान का पटाक्षेप सरकार कैसे करती है, उसका असर जालंधर उपचुनाव पर पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी को पिछले साल 117 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 92 सीटों पर बड़ी जीत मिली थी लेकिन तीन महीने बाद ही संगरुर लोकसभा सीट, जो मुख्यमंत्री बने श्री मान के इस्तीफे से रिक्त हुई थी, के उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान की जीत का झटका आम आदमी पार्टी को लगा था। जालंधर पारंपारिक रुप से कांग्रेस की सीट है और पार्टी ने दिवंगत संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। सत्तारुढ़ आप और शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
जालंधर संसदीय क्षेत्र (आरक्षित) में नौ विधानसभा हल्के आते हैं फिल्लौर (आरक्षित), नकोदर, शाहकोट, करतारपुर (आरक्षित), जालंधर पश्चिम (आरक्षित), जालंधर मध्य, जालंधर उत्तरी, जालंधर छावनी और आदमपुर (आरक्षित)। इनमें विधानसभा चुनाव में पांच सीटें – फिल्लौर, शाहकोट, जालंधर उत्तरी, जालंधर छावनी और आदमपुर पर कांग्रेस जीती है जबकि बाकी चार आप ने जीती हैं। निर्वाचन आयोग की घोषणा के अनुसार अधिसूचना 13 अप्रैल को जारी होगी, नामांकन 20 अप्रैल तक भरे जा सकेंगे, नामांकनों की जांच 21 अप्रैल को होगी, 24 को नामांकन वापस लिये जा सकेंगे, मतदान 10 मई को होगा व मतगणना 13 मई को होगी।