Justice Yashwant Verma case ; नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने तुगलक रोड थाने के SHO समेत 8 पुलिसकर्मियों के मोबाइल जब्त किए हैं, जो एक महत्वपूर्ण मामले से जुड़ा हुआ है। यह मामला जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में जलते हुए नोटों से संबंधित है। इन मोबाइल फोन की जब्ती जांच के हिस्से के रूप में की गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इन पुलिसकर्मियों के मोबाइल से घटना के दौरान कोई वीडियो बनाई गई थी और क्या किसी तरह की छेड़छाड़ की गई थी।
पुलिसकर्मियों के मोबाइल क्यों जब्त किए गए?
जांच अधिकारियों के मुताबिक, यह जानने की कोशिश की जा रही है कि जब पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे तो क्या उन्होंने किसी तरह का वीडियो रिकॉर्ड किया था, और यदि किया था, तो उसे किसी तरीके से बदला तो नहीं गया। जांच का एक उद्देश्य यह भी है कि मोबाइल की फोरेंसिक जांच की जाए, ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
मामले में तुगलक रोड थाने के कर्मी शामिल
जिन पुलिसकर्मियों के मोबाइल जब्त किए गए हैं, उनमें तुगलक रोड थाने के SHO उमेश मलिक, हवलदार रूपचंद, सब इंस्पेक्टर रजनीश, और कुछ अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, बाइक पेट्रोलिंग पर पहुंचे दो पुलिसकर्मियों और तीन पीसीआर कर्मियों के भी मोबाइल जब्त किए गए। इन मोबाइलों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई आपत्तिजनक सामग्री या छेड़छाड़ नहीं की गई हो।
जलती हुई नोटों का मामला
बताया जा रहा है कि आग इतनी भयानक थी कि जिस कमरे में आग लगी थी, उसकी दीवारों में दरारें तक आ गई थीं। घटनास्थल से अधजले नोटों की चार से पांच बोरियां बरामद की गई थीं। दिल्ली पुलिस ने इस स्टोर रूम को सील कर दिया है और मामले की जांच जारी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा का पक्ष
इस बीच, जस्टिस यशवंत वर्मा ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर चार सीनियर वकीलों से सलाह ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय समिति कैशकांड की जांच कर रही है और जस्टिस वर्मा को उस समिति के सामने अपनी सफाई पेश करनी है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया और याचिकाकर्ता एडवोकेट मैथ्यूज़ को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा है।यह मामला अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां पुलिस और जज दोनों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।