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Kamal Nath ने सरकार पर बोला हमला, कहा- ‘सरकार किसानों को राहत देने की बजाय इवेंट और चुनाव प्रचार में व्यस्त’

Kamal Nath Attacked Government : मध्य प्रदेश में गहराए खाद संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि प्रदेश का किसान खाद के लिए परेशान है तो राज्य सरकार चुनाव प्रचार व इवेंट में व्यस्त है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कहा है कि.

Kamal Nath Attacked Government : मध्य प्रदेश में गहराए खाद संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि प्रदेश का किसान खाद के लिए परेशान है तो राज्य सरकार चुनाव प्रचार व इवेंट में व्यस्त है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कहा है कि मध्य प्रदेश का किसान खाद संकट से जूझ रहा है और सरकार किसानों को राहत देने की बजाय इवेंट और चुनाव प्रचार में व्यस्त है।

हैरानी की बात है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले में भी खाद का भीषण संकट बरकरार है। किसान पूरी पूरी रात जागकर खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं, सरकार आंख और कान बंद कर अपनी मस्ती में मस्त है। कमलनाथ ने कहा, कि ‘आंकड़े बताते हैं कि सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण कुल मांग के अनुपात में बहुत कम खाद की आपूर्ति हो सकी है, यही कारण है कि किसानों को पर्याप्त मात्र में खाद नहीं मिल पा रही है। जब केंद्रीय कृषि मंत्री के राज्य मध्यप्रदेश और खासतौर से उनके गृह जिले सीहोर में ही खाद का संकट है, तो पूरे प्रदेश और देश के हालात का आप अनुमान लगा सकते हैं। डबल इंजन सरकार का नारा जमींदोज हो चुका है। अब डबल बर्बादी जारी है।‘

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से कहा, कि ‘खाद का संकट कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह आपकी सरकार की अनदेखी और कृषि विभाग की अधूरी तैयारियों का नतीजा है। सरकार का दायित्व होता है कि किसानों के लिये पर्याप्त मात्र में खाद बीज की समय से पहले व्यवस्था कर ली जाए, ताकि मांग और पूर्ति का संतुलन बना रहे, लेकिन आपकी सरकार नफरत फैलाने और लोगों को लड़ाने में इतना व्यस्त रहती है कि खाद-बीज जैसे जरूरी काम प्राथमिकता में ही नहीं रहते।‘ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से खाद के संकट के आरोप लगाए जा रहे हैं, मगर सरकार किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने के दावे कर रही है। इतना ही नहीं बीते साल के मुकाबले इस साल ज्यादा आवंटन की बात कहीं जा रही है।

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