Dev Deepawali 2024: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को बहुत पवित्र माना है..इस दिन पवित्र नदियों और मंदिरों में दीपदान किया जाता है….इसी दिन देव दीवापली भी है… दीपावली के ठीक 15 दिनों के बाद मनाई जाने वाली देव दीपावली को लेकर मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और दिवाली मनाते हैं …इस मौके पर वाराणसी के गंगा घाटों पर दीयों से अद्भुत सजावट की गई है।
काशी के गंगा घाटों से लेकर मंदिरों तक सज हैं। शुक्रवार को अंधेरा होते ही काशी में गंगा के किनारे स्थित सभी 84 घाट दीपों से जगमगा उठे। गांगा घाटों पर कुल 17 लाख दीये जलाए गए। इसके अलावा रंग-बिरंगे ग्रीन क्रैकर्स की भी अद्भुद तस्वीरें सामने आईं। दरअसल, काशी में देव दीपावली कार्तिक में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर के संहार के उपलक्ष्य में देवों द्वारा स्वर्ग में मनाई गई। ये पर्व काशी में विशेष रूप से मनाया जाता है।
देव दीपावली पर लाखों दीयों से जगमग बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का भव्य स्वरूप मन को मोह लेता है। दीपदान की इस परंपरा का दुनिया भर के लोग साक्षी बनते हैं। मेरी कामना है कि मां गंगा के तट पर चारों ओर फैली दिव्य ज्योति हर किसी के जीवन को सुख, शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य से रोशन… pic.twitter.com/6G9dCDKMS6
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2024
पीएम मोदी ने दी बधाई देव दीपावली के पर्व पर पीए मोदी ने बधाई दी और काशी के उत्सव की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “देव दीपावली पर लाखों दीयों से जगमग बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का भव्य स्वरूप मन को मोह लेता है। दीपदान की इस परंपरा का दुनिया भर के लोग साक्षी बनते हैं। मेरी कामना है कि मां गंगा के तट पर चारों ओर फैली दिव्य ज्योति हर किसी के जीवन को सुख, शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य से रोशन करे।”
फायर क्रैकर और लेजर शो ने आयोजन में चार चांद लगा दिया
घाट, 700 मठ- मंदिरों में दीये प्रज्ज्वलित वाराणसी में इस बार देव दिवाली पर गंगा के दोनों तट पर 17 लाख दीप जलाए गए हैं, जिसमें 12 लाख दीपक जिला प्रशासन की ओर से और अन्य 5 लाख दीपक स्थानीय समितियों द्वारा जलाए गए हैं। इसके अलावा फायर क्रैकर शो और लेजर शो ने इस आयोजन में चार चांद लगाया है। इस भव्य आयोजन के देखने के लिए करीब 10 लाख लोग एकत्र हुए।