नेशनल डेस्क : नई दिल्ली में अपनी हार के बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों के जनादेश को बड़ी विनम्रता से स्वीकार करते हैं। हम राजनीति में किसी सत्ता के लिए नहीं बल्की जनता के सेवा के लिए आए थे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 8, 2025
मैं भाजपा को इस जीत के लिए बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे उन सभी वादों को पूरा करेंगे, जिनके लिए लोगों ने उन्हें वोट दिया है। हमने पिछले 10 सालों में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बहुत काम किया है। हम न केवल एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे, बल्कि लोगों के बीच रहेंगे और उनकी सेवा करते रहेंगे…”
राजनीति में सत्ता का नहीं, सेवा का उद्देश्य
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह राजनीति में केवल सत्ता पाने के लिए नहीं आए थे। उनके अनुसार, आम आदमी पार्टी का मानना है कि राजनीति एक सेवा का जरिया है, और सत्ता से बाहर रहकर भी उनकी पार्टी लोगों की सेवा कर सकती है। उन्होंने अंत में पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा, “आपने बहुत अच्छा चुनाव लड़ा। इस दौरान आपको काफी कठिनाईयाँ आईं, लेकिन आपने मेहनत से चुनाव लड़ा। इसके लिए आपको बधाई।”
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 और 2020 में 60 से अधिक सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी इस बार बुरी तरह से हारती हुई नजर आ रही है। पार्टी इस बार सिर्फ 22 सीटों तक सिमटती दिख रही है, जो एक बड़ा झटका है। मुख्यमंत्री आतिशी को छोड़कर पार्टी के सभी प्रमुख नेता चुनाव हार गए। हालांकि, आतिशी ने अपनी सीट पर बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को कड़ी टक्कर देने के बाद आखिरकार जीत हासिल की।
अरविंद केजरीवाल की हार
अरविंद केजरीवाल, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इस बार 4000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गए। यह उनकी व्यक्तिगत हार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी एक बड़ा झटका है। उनकी हार से यह साफ हो गया कि दिल्ली के मतदाता इस बार सत्ता के लिए अलग दिशा में सोच रहे हैं।
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की हार
आम आदमी पार्टी के अन्य बड़े नेता, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी इस चुनाव में हार गए। इन नेताओं की हार पार्टी के लिए और भी बड़ा झटका है, क्योंकि वे पार्टी के अहम चेहरे रहे हैं।
आप की हार में कांग्रेस और AIMIM का योगदान
आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस और एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) का भी योगदान रहा है। खासकर दो मुस्लिम बहुल सीटों पर एआईएमआईएम ने पार्टी के वोट काटे, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ। इसके अलावा, कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के वोटों को विभाजित किया, जिससे बीजेपी को एक निर्णायक बढ़त मिली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव निराशाजनक साबित हुआ है, और पार्टी के नेता इस परिणाम को आत्मविश्लेषण के रूप में देखेंगे। अरविंद केजरीवाल के बयान से यह भी साफ है कि उनका राजनीतिक उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि समाज की सेवा है। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे दलों के प्रभाव ने आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाया, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ।