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सभी केस वापस ले लो… मैं चुनाव नहीं लड़ूगां, झुग्गी बस्ती से केजरीवाल ने अमित शाह से किया बड़ा चैलेंज

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी है। इसके साथ ही आरोप- प्रत्यारोप का खेल भी जारी है। इसी बीच आज आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के झुग्गी बस्ती में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया।

BJP ने क्या वादा किया था?

आपको बता दें कि केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने चुनावी वादों में यह कहा था कि “जहां झुग्गी, वहां मकान” बनेगा। हालांकि, उनका आरोप था कि इस वादे के पीछे की असलियत यह थी कि यह मकान झुग्गी वालों के नहीं, बल्कि बीजेपी के बिल्डर दोस्तों के लिए बनाए जा रहे हैं।

BJP के दावों का सच

उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पिछले दस सालों में बीजेपी ने केवल 4700 मकान ही बनाए हैं, जो कि बहुत कम हैं। उनका कहना था कि बीजेपी को मकान बनाने में कोई रुचि नहीं है, बल्कि वे केवल झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच सालों में बीजेपी झुग्गी बस्तियों को तोड़ने और वहां रहने वाले लोगों को सड़क पर लाने की योजना बना रही है।

झुग्गी वालों के लिए मैं हूँ…

केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर वह दिल्ली में मुख्यमंत्री नहीं होते, तो पिछले दस सालों में इन झुग्गियों को तोड़ दिया गया होता। उन्होंने यह आरोप लगाया कि बीजेपी को झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की कोई परवाह नहीं है। उन्हें केवल अपने पैसे वाले दोस्तों की चिंता है।

केजरीवाल का चैलेंज

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने झुग्गी बस्तियों को खत्म करने की योजना बनाई है और एक साल के भीतर वे इन बस्तियों को तोड़ने का इरादा रखते हैं। हर झुग्गी के लिए एक अलग प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चैलेंज करते हुए कहा कि वह सभी मामलों को कोर्ट से वापस लें, जिनमें झुग्गी वालों को उजाड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी उन लोगों को उनकी पुरानी ज़मीन पर वापस बसाए, जिन्हें उजाड़ा गया, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। केजरीवाल ने साफ किया कि उनका उद्देश्य झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है और वह इस मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। उनका कहना था कि जब तक वे दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, तब तक झुग्गी बस्तियों के लोगों का हक नहीं छीना जा सकता।

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