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ममता कुलकर्णी ने गृहस्थ जीवन से लिया संन्यास, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बनीं, अखाड़े ने अभिनेत्री को माई ममतानंद गिरि नाम दिया

महाकुंभनगर: अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की। सरकारी बयान के मुताबिक

महाकुंभनगर: अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की। सरकारी बयान के मुताबिक, महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने ममता का पिंडदान कराने के बाद महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक किया। किन्नर अखाड़े ने ममता को माई ममता नंद गिरी नाम दिया।

ममता ने किन्नर अखाड़ा पहुंचकर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से भी मिलीं। ममता इस दौरान साध्वी के कपड़ों में दिखाई दीं। अभिनेत्री ने कहा, यह मेरा सौभाग्य है कि मैं महाकुंभ की इस पवित्र बेला की साक्षी बन रही हूं, संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। मैंने 23 साल पहले अपने गुरु चैतन्य गगन गिरी से कुपोली आश्रम में दीक्षा ली थी और अब मैं पूरी तरह से संन्यासी जीवन में प्रवेश कर रही हूं।

ममता ने कहा, मैंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना पट्टागुरु इसलिए चुना, क्योंकि आज शुक्रवार है और यह महाकाली का दिन है। कल मुङो महामंडलेश्वर बनाने की तैयारी चल रही थी। और आज मां शक्ति ने मुङो निर्देश दिया कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुनूं, क्योंकि वह अर्धनारीश्वर का साक्षात रूप हैं। इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है कि कोई अर्धनारीश्वर मेरा पट्टाभिषेक करे। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने बताया कि किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को दीक्षा दी। टीना मां के अनुसार, ममता पिछले 2 सालों से जूना अखाड़ा से जुड़ी रही हैं और 2-3 महीने पहले वह किन्नर अखाड़े के संपर्क में आई थीं।

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