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Myanmar Earthquake : भूकंप से भारी तबाही…भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, भेजी 15 टन राहत सामग्री

Myanmar Earthquake : म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। ऐसी कठिन परिस्थिति में दुनिया ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इस बीच, भारत ने सहायता के तौर पर म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। सूत्रों ने बताया कि राहत सामग्री हिंडन स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन से भारतीय वायुसेना.

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Myanmar Earthquake : म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। ऐसी कठिन परिस्थिति में दुनिया ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इस बीच, भारत ने सहायता के तौर पर म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। सूत्रों ने बताया कि राहत सामग्री हिंडन स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन से भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान के जरिए म्यांमार भेजी गई। सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सफाई किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियाँ जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।

7.7 तीव्रता का आया भूकंप

बता दें कि म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए। इससे न सिर्फ म्यांमार बल्कि थाईलैंड में भी बहुत नुकसान हुआ है। भूकंप इतना भयानक था कि लोगों में दहशत का माहौल है। एक तरफ जहां दिन भर म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए तो वहीं रात में भी 11 बजकर 56 मिनट पर 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। म्यांमार के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप शुक्रवार देर रात यहां आया। सूचना टीम ने कहा कि शुक्रवार को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में लगभग 144 लोग मारे गए और 732 घायल हो गए। हालाँकि, मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है और यह 1,000 तक पहुंच सकती है।

पीएम मोदी ने जताई चिंता

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पोस्ट में शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने ने कहा कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।

 

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