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कोलकाता रेप-मर्डर केस : कोलकाता में छात्रों का नबन्ना मार्च शुरू, हावड़ा ब्रिज बंद, पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े

कोलकाता। आरजी कर मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए छात्रों के नबन्ना मार्च के तहत सचिवालय भवन के घेराव के ऐलान के बाद कोलकाता पुलिस ने सचिवालय के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। छात्र समाज के नबन्ना मार्च को लेकर बवाल मचा हुआ है। आज होने वाले इस मार्च को रोकने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। ड्रोन, वाटर कैनन, और आंसू गैस के गोले तक तैनात किए गए हैं। ‘छात्र समाज’ ने यह मार्च आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आयोजित किया है। ‘छात्र समाज कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर उभरा एक संगठन है। वड़ा से लगे सांतरागाछी में प्रदर्शकारियों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।

पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे।

ममता सरकार ने मार्च को दिया अवैध करार
ममता सरकार ने इस मार्च को अवैध करार देते हुए कहा है कि उसे शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की खुफिया जानकारी मिली है। वहीं भाजपा नेता दिलीप घोष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वे दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए लोग निराश हो रहे हैं और विरोध कर रहे हैं।

पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग
इस प्रदर्शन के आयोजनकर्ताओं ने प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों से अपील की है कि उनके दो नारे, दोफा एक, दबी एक, ममता बनर्जी पोदोत्याग (एकमात्र मांग है – ममता बनर्जी का इस्तीफा) के साथ आरजी कर मेडिकल मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की भी है।

 

शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा
बताया जा रहा है कि इस अभियान को देखते हुए 97 वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कुल 2,000 पुलिसकर्मी राज्य सचिवालय और उसके आसपास सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है। इसके अलावा कोलकाता और होरवाह को जोड़ने वाले स्थानों पर भी करीब 4,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।

साथ ही राज्य सचिवालय और उसके आसपास सादे कपड़ों में पुलिस सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स को भी तैनात किया गया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मंगलवार को पूरे इलाके में कमिश्नरेट और जिला इकाइयों के पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे।

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