नेशनल डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि जब तक वह जिंदा हैं, कोई भी योग्य शिक्षक अपनी नौकरी नहीं खोएगा। ममता का यह बयान इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
ममता का बयान
आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने शिक्षकों से मुलाकात के दौरान कहा, “मुझे बहुत दुख है कि हमें इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। मुझे डर है कि अगर मैं इस बारे में बोलूंगी तो मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मैं फिर भी बोल रही हूं। अगर कोई मुझे चुनौती देगा, तो मुझे उसका जवाब देना आता है।”
अपनी नौकरी पर जाएं और अपना काम करें…
ममता ने शिक्षकों को यह भी कहा कि वे अपनी नौकरी पर जाएं और अपना काम करें, क्योंकि अभी तक उन्हें कोई टर्मिनेशन लेटर नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “पहले मैं योग्य उम्मीदवारों को तय कर लूं, फिर इसके बाद आगे का एक्शन लिया जाएगा, और मैं फिर शिक्षकों से मीटिंग करूंगी।” ममता ने यह भी कहा कि उनके जीवन में वादा सबसे महत्वपूर्ण है और जो वह कहती हैं, वह करती हैं। “जब मैंने कह दिया कि नौकरी की व्यवस्था हो जाएगी, तो वह हो जाएगी,”।
#WATCH | कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मुलाकात की। सुप्रीम कोर्ट ने SSC द्वारा बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता… pic.twitter.com/iYNpbAp6kV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
वकीलों की लिस्ट और SC में अपील
इसके साथ ही CM ममता बनर्जी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में योग्य उम्मीदवारों का पक्ष रखने के लिए कई प्रमुख वकीलों को केस लड़ने का प्रस्ताव भी दिया है। इस लिस्ट में प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, राकेश द्विवेदी, कल्याण बनर्जी और प्रशांत भूषण का नाम शामिल है। ममता ने इन वकीलों से अपील की है कि वे सुप्रीम कोर्ट में योग्य उम्मीदवारों का पक्ष रखें।
कोलकाता HC का फैसला और SC का आदेश
दरअसल, कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल के स्कूलों में 25,000 कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने इस फैसले के पीछे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके बाद, बंगाल सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया। यह मामला पश्चिम बंगाल में शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा विवाद बन गया है, और ममता बनर्जी का यह बयान शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।