नेशनल डेस्क : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने निर्णायक कदम उठाए हैं, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसका उदाहरण है। यह ऑपरेशन न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और ताकत को प्रदर्शित करता है, बल्कि पूरे देश की एकता और संकल्प का प्रतीक भी बन चुका है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे भारत की प्रत्येक मां, बहन और बेटी की जीत बताया, जो इस ऑपरेशन में हमारे सैनिकों के साथ हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
‘ऑपरेशन सिंदूर‘ की सफलता की गाथा
आपको बता दें कि राजस्थान के बूंदी में मंगलवार की शाम को ‘तिरंगा यात्रा’ के उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस ऑपरेशन की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह जीत सिर्फ भारतीय सशस्त्र बलों की नहीं, बल्कि भारत की हर मां, बहन और बेटी की जीत है।” यह शब्दों में उस अडिग भावना को समर्पित हैं, जो भारतीय सैनिकों और देशवासियों के दिलों में है।
नारी शक्ति और देशभक्ति का योगदान
बिरला ने कहा कि हाल के दिनों में देशभक्ति की लहर हर भारतीय नागरिक के दिल में उमड़ी है और अब नारी शक्ति राष्ट्र की शक्ति बन गई है। महिलाओं का साहस और बलिदान अब हमारे सैनिकों को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह एक संकल्प था उन सभी महिलाओं के लिए जिनके पतियों ने सीमाओं पर तिरंगे की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक लड़ाई
ओम बिरला ने यह भी बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक लड़ाई का हिस्सा है, और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता। यह मिशन भारत के सैन्य सामर्थ्य और दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने लाता है, जो यह साबित करता है कि भारत अपने लोगों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
‘तिरंगा यात्रा‘ का उद्घाटन
इस अवसर पर ओम बिरला ने ‘तिरंगा यात्रा’ का उद्घाटन किया, जो सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए आयोजित की गई थी। यह यात्रा आजाद पार्क से शुरू होकर कई प्रमुख स्थानों से होते हुए शहीद रामकल्याण स्मारक तक गई। यात्रा में कई प्रतिष्ठित नेता भी शामिल हुए, जिनमें राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी और बूंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिला प्रमुख रामेश्वर मीणा शामिल थे। यात्रा के दौरान भारी संख्या में लोग जुटे, जो इस ऐतिहासिक अभियान का हिस्सा बने।
क्यों हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर‘
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मिशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए था। 22 अप्रैल 2023 को हुए इस हमले में आतंकवादियों ने पुरुष पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी था। इस हमले के बाद 15 दिनों में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर (POK) के 9 आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया। यह हमला और उसके बाद की कार्रवाई पाकिस्तान और आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह भारत की दृढ़ नायकता और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की प्रतीक बन चुका है। यह भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, बलिदान, और हर भारतीय नागरिक की देशभक्ति को सम्मानित करने की यात्रा है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आतंकवाद का पूरी तरह से नाश नहीं हो जाता।