नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को घोषणा की कि तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि अन्य धर्मों के लोग वर्तमान में मंदिर में काम कर रहे हैं, तो उनकी भावनाओं को नुकसान पहुँचाए बिना उन्हें दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
चंद्रबाबू नायडू का बयान
सीएम ने कहा, “तिरुमाला मंदिर में काम करने के लिए केवल हिंदुओं को ही नियुक्त किया जाना चाहिए। यदि किसी अन्य धर्म के लोग काम कर रहे हैं, तो उन्हें बिना कोई ठेस पहुँचाए अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर बनाने की योजना है। सीएम ने यह भी कहा कि भगवान वेंकटेश्वर की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पवित्र धागा पहनने की परंपरा है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि कई भक्तों की इच्छा है कि भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर विदेशों में भी बनाए जाएं।
“Only Hindus should be employed at the Tirumala Temple. If individuals from other religions are currently working there, they will be relocated to other places without hurting their sentiments,” says Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu” pic.twitter.com/GUAFPtbviK
— ANI (@ANI) March 21, 2025
मुमताज होटल की मंजूरी रद्द : सीएम नायडू
तिरुमाला के सेवन हिल्स क्षेत्र से संबंधित वाणिज्यिक गतिविधियों के बारे में नायडू ने बताया कि मुमताज होटल के लिए पहले जो मंजूरी दी गई थी, उसे अब रद्द कर दिया गया है। यह होटल 35.32 एकड़ भूमि पर बनाया जाना था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सेवन हिल्स के पास कोई व्यवसायीकरण नहीं होगा और निजी व्यवसायों को यहाँ अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अपनी भक्ति व्यक्त करते हुए कहा कि “भगवान वेंकटेश्वर की अपार शक्ति” के कारण वे कई लक्षित हमलों से बच गए। उन्होंने कहा कि एक बार उन्हें 24 क्लेमोर माइंस से निशाना बनाया गया था, लेकिन भगवान की कृपा से वह हमले से बच गए।
हिंदू समुदाय ने जताई थी आपत्ति
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भी मुमताज होटल के लिए भूमि आवंटन रद्द करने की मांग की थी। टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू ने कहा कि यह होटल मंदिर के पास स्थित था और इसकी प्रस्तावित योजना हिंदू समुदाय के लिए आपत्तिजनक थी। इस मामले में, टीटीडी ने पिछले साल नवंबर में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें सरकार से होटल के लिए लीज़ रद्द करने की अपील की गई थी।