नेशनल डेस्क : आज, 6 अप्रैल को भारत और एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज पम्बन ब्रिज का आधिकारिक उद्घाटन होने जा रहा है। यह उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जो रामनवमी के अवसर पर अरब सागर पर बनी इस अद्भुत इंजीनियरिंग संरचना का अनावरण करेंगे। इस मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जिससे इस ब्रिज का ट्रायल और वास्तविक उपयोग शुरू होगा। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
जानते है पम्बन रेलवे ब्रिज की विशेषताएँ …
लंबाई और कनेक्टिविटी: यह ब्रिज करीब 2.08 किमी लंबा है और यह रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। इस ब्रिज की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में रखी थी, और इसका निर्माण 2024 में पूरा हुआ है।
A bridge that connects with the Tamil culture & heritage…
PM @narendramodi Ji will inaugurate the landmark new Pamban Bridge today.
Rameswaram, Tamil Nadu pic.twitter.com/1hgYbkXuDf
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 5, 2025
निर्माण लागत: इस परियोजना की लागत करीब 700 करोड़ रुपये रही है।
संरचनात्मक डिज़ाइन: यह ब्रिज स्टेनलेस स्टील से निर्मित है और इसकी बाहरी परत पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जिससे समुद्र के नमकीन पानी और जंग का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वर्टिकल लिफ्ट स्पैन: ब्रिज में 100 स्पैन हैं और इसमें 72.5 मीटर का वर्टिकल स्पैन है, जो करीब 22 मीटर तक उठ सकता है। यह ऊंचाई समुद्री जहाजों के लिए रास्ता बनाने के लिए आवश्यक है।
ऑटोमेटेड सिस्टम: ब्रिज एक ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम से लैस है, जिससे यह उच्च हवाओं के दौरान स्वतः ही बंद हो जाता है। जब समुद्र में हवाओं की गति 58 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो, तो यह ऑटोमैटिक रेड सिग्नल देगा, जिससे ट्रेनों की आवाजाही रोक दी जाएगी। यह स्थिति आम तौर पर अक्टूबर से फरवरी के बीच हो सकती है।
वगैर किसी रुकावट के ट्रेनों की गति: यह ब्रिज 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनों के चलने के लिए सक्षम है।
100 साल तक की स्थायिता: इस ब्रिज के निर्माण में ऐसे संसाधन और तकनीक का उपयोग किया गया है जिससे यह अगले 100 साल तक अपनी स्थिति और कार्यक्षमता बनाए रख सके।
ट्रायल और टेस्ट रन
– 12 जुलाई 2024 को लाइट इंजन का ट्रायल रन इस पुल पर किया गया था।
– 4 अगस्त 2024 को टावर कार का ट्रायल रन किया गया।
– 31 जनवरी 2025 को रामेश्वरम एक्सप्रेस ट्रेन का ट्रायल रन किया गया। इसके बाद ही इस पुल के उद्घाटन की मंजूरी दी गई थी।
पुराने पम्बन पुल का इतिहास
– 1870 में डिजाइन हुआ पुराना पम्बन पुल 1911 में बनना शुरू हुआ और 24 फरवरी 1914 को यह पुल ट्रेनों के लिए खोल दिया गया।
– इस पुल की लंबाई लगभग 2.06 किलोमीटर थी, और यह 2007 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रिनोवेट किया गया।
– 2013 में इसे यूनेस्को हेरिटेज स्टेट्स का दर्जा मिला था और यह पुल 100 साल से ज्यादा समय तक चला।
– दिसंबर 2022 में यह पुल बंद कर दिया गया था क्योंकि इसकी जंग लगने के कारण दुर्घटना का खतरा था।
#WATCH | Rameswaram, Tamil Nadu: PM Narendra Modi to inaugurate the New Pamban Bridge – India’s first vertical lift sea bridge and flag off Rameswaram-Tambaram (Chennai) new train service today, on the occasion of #RamNavami2025
(Visuals of the trial run being conducted ahead… pic.twitter.com/n8ArAgxgQ4
— ANI (@ANI) April 6, 2025
नया पुल क्यों जरूरी था?
जब पुराने पुल को बंद किया गया, तो रामेश्वरम और मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी समाप्त हो गई। इससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही थी, और रामेश्वरम और धनुषकोडी जाने के लिए एक नए पुल की आवश्यकता महसूस हुई। इस नए पम्बन ब्रिज को मोदी सरकार ने इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए बनाया है। पम्बन वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के रेल नेटवर्क को और भी मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पुल का उद्घाटन भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और राष्ट्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।