किसानों की मांगों को हल करने के लिए PM Modi को तीनों मंत्रियों से करनी चाहिए बात : Sarwan Singh Pandher

चंडीगढ़ः केंद्र सरकार की एक समिति के साथ बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए प्रधानमंत्री को समिति में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और.

चंडीगढ़ः केंद्र सरकार की एक समिति के साथ बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए प्रधानमंत्री को समिति में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे।

शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा, कि हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री खुद प्रतिनिधिमंडल (बैठक के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों) से बात करें और किसानों की मांगों का समाधान करें। किसान नेता ने कहा, कि हम चाहते हैं कि हमारी मांगें मानी जाएं।

उन्होंने कहा, कि या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दें। पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए पंधेर ने किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आंसू गैस के कुछ गोले भी दिखाए। पंधेर ने दावा किया कि अर्धसैनिक बलों ने किसानों के खिलाफ हवा में फटने वाले आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के बावजूद किसान नेता बृहस्पतिवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का जिक्र करते हुए पंधेर ने आरोप लगाया कि सरकार हमें (किसानों को) मणिपुर की तरह कुचलना चाहती है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से दिल्ली चलो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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