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पिता ,पत्नी डॉक्टर, और खुद रणनीतिकार… जानिए क्या हैं प्रशांत किशोर की पृष्ठभूमि

बिहार : चुनावी राजनीति में कदम रखने के बाद प्रशांत किशोर (PK) ने अपनी पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि शुरू की। बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर वे पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे। उनके इस आंदोलन को लेकर राजनीतिक हलकों में बहुत चर्चा हुई, और इस दौरान कुछ.

बिहार : चुनावी राजनीति में कदम रखने के बाद प्रशांत किशोर (PK) ने अपनी पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि शुरू की। बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर वे पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे। उनके इस आंदोलन को लेकर राजनीतिक हलकों में बहुत चर्चा हुई, और इस दौरान कुछ मुद्दों पर भी विवाद उठे, जैसे कि अनशन की शुरुआत और महंगे वैनिटी वैन का इस्तेमाल।

पटना पुलिस का कथित दुर्व्यवहार

आपको बता दें कि सोमवार की सुबह पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया और उन पर कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने पुलिस और सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस घटना के बाद तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

ग्रामीणों का गुस्सा

वहीं प्रशांत किशोर के पैतृक गांव कोनार के लोग इस घटना से काफी नाराज हैं। कोनार के लोग इस घटना को राजनीति से प्रेरित बताते हुए सरकार के कदम की आलोचना कर रहे हैं। गांव के लोग प्रशांत किशोर के आंदोलन को जायज मानते हैं और उनका समर्थन करते हैं।

कोनार गांव का समर्थन

कोनार गांव के लोगों ने बताया कि उनका गांव प्रशांत किशोर के साथ है और बीपीएससी अभ्यर्थियों के हक के लिए उनके आंदोलन को पूरा क्षेत्र समर्थन करेगा। पुनीत ने प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति में बदलाव लाने वाला नेता बताया। इसी तरह, गांववालों ने पटना पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे इतिहास में काली रात के रूप में दर्ज होने की बात कही।

आगे का आंदोलन

कोनार गांव के अन्य लोगों ने  बताया कि जब प्रशांत किशोर पुलिस की गिरफ्त से बाहर आएंगे, तो गांधी मैदान में केवल 5000 नहीं, बल्कि एक लाख से ज्यादा बीपीएससी अभ्यर्थी उनके साथ आंदोलन में शामिल होंगे। इसके अलावा, पूरे राज्य में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। प्रशांत किशोर को सोमवार की सुबह पटना पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ्तार किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।

प्रशांत किशोर का पैतृक गांव और व्यक्तिगत जीवन

आपको बता दें कि प्रशांत किशोर का जन्म 20 मार्च 1977 को कोनार गांव में हुआ था। उनके पिता डॉ. श्रीकांत पांडेय लंबे समय तक बक्सर जिले में डॉक्टर रहे थे। परिवार में उनका बड़ा भाई अजय किशोर व्यवसायी हैं। हालांकि, प्रशांत अपने पैतृक गांव कम आते हैं, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए उनके गांव वाले उनसे जुड़े रहते हैं और उन्हें राजनीति में उनकी एंट्री के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

चुनावी राजनीति में प्रशांत किशोर

चुनावी राजनीति में आने से पहले, प्रशांत किशोर अन्य राजनीतिक पार्टियों के लिए रणनीति तैयार करते थे। उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के लिए रणनीति बनाई थी, जिसके बाद नीतीश कुमार की सरकार बनी थी। इसके अलावा, वे भाजपा, कांग्रेस, और टीएमसी जैसी पार्टियों के लिए भी चुनावी रणनीति तैयार कर चुके हैं।

हाल ही में, उनकी पार्टी जन सुराज ने बिहार में उपचुनाव में हिस्सा लिया था, हालांकि उन्हें कोई सीट नहीं मिली, लेकिन उन्होंने लगभग 10% वोट हासिल किए, जो उनकी मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है।

प्रशांत किशोर का निजी जीवन

प्रशांत किशोर की शादी डॉक्टर जाह्नवी से हुई है, जो असम के गुवाहाटी की रहने वाली हैं। दोनों की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र संघ के एक स्वास्थ्य कार्यक्रम में हुई थी, जहां से उनकी दोस्ती हुई और बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई। उनका एक बेटा भी है।

प्रशांत किशोर का बीपीएससी के खिलाफ आंदोलन अब राजनीतिक रूप ले चुका है। उनके आंदोलन को उनके पैतृक गांव से भारी समर्थन मिल रहा है, और उनकी गिरफ्तारी के बाद आंदोलन में और भी तेजी आने की संभावना है। अब देखना यह है कि प्रशांत किशोर का यह आंदोलन बिहार की राजनीति में किस तरह के बदलाव लाता है।

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