इंटरनेशनल डेस्क : भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू, ने 6 अप्रैल 2025 को चार दिन के विदेश दौरे की शुरुआत की। इस यात्रा के दौरान, वे पहले दो दिन पुर्तगाल में रहेंगी और फिर 9-10 अप्रैल को स्लोवाकिया में आधिकारिक अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। यह यात्रा खास महत्व रखती है, क्योंकि भारत और पुर्तगाल के कूटनीतिक संबंधों के 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर पुर्तगाल के राष्ट्रपति, मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑन प्रदान किया। आइए जानते हैं इस यात्रा के बारे में और विस्तार से…
#WATCH लिस्बन, पुर्तगाल: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। pic.twitter.com/SPXSv4AJ0i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
पुर्तगाल में राष्ट्रपति मुर्मू का दौरा…
आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पुर्तगाल दौरा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर हो रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू उच्च प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकें करेंगी। वे पुर्तगाल के प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष से भी मुलाकात करेंगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी सचिन तन्मय लाल ने बताया कि भारत और पुर्तगाल के संबंध ऐतिहासिक और पुरानी दोस्ती पर आधारित हैं। इन दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग है, जैसे व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान। इस यात्रा से इन संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है।
राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल में रह रहे भारतीय आप्रवासियों से भी मुलाकात करेंगी। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि भारतीय समुदाय पुर्तगाल में प्रभावी रूप से बसा हुआ है और उनके साथ संवाद स्थापित करना भारत-पुर्तगाल संबंधों को और मजबूत बना सकता है।
स्लोवाकिया में राष्ट्रपति मुर्मू का दौरा
इसके बाद, 9 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्लोवाकिया जाएंगी। यहां वे स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रीनी और प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके अलावा, वे स्लोवाकिया की नेशनल काउंसिल के स्पीकर से भी मुलाकात करेंगी। भारत और स्लोवाकिया के बीच सहयोग का दायरा बढ़ रहा है, खासकर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के रूप में। हाल ही में, यूरोपीय संघ का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर आया था और दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए थे। अब व्यक्तिगत स्तर पर भी यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों में विस्तार हो रहा है, और स्लोवाकिया से द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देने की उम्मीद है।
कूटनीतिक संबंधों के 50 साल
राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल यात्रा खास महत्व रखती है क्योंकि यह भारत और पुर्तगाल के कूटनीतिक संबंधों के 50 साल पूरे होने का अवसर है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मित्रता और सहयोग को फिर से परिभाषित करने का एक अच्छा मौका है। इससे पहले 1998 में भारत के राष्ट्रपति के आर नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था, और अब लगभग 27 साल बाद भारत का राष्ट्रपति पुर्तगाल का दौरा कर रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह विदेश दौरा भारत के वैश्विक संबंधों को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। पुर्तगाल और स्लोवाकिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय समुदाय से भी जुड़ाव बढ़ाने का यह एक सुनहरा अवसर है। इस यात्रा से भारतीय कूटनीति को नई दिशा मिलने की संभावना है।