नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पारित कर दिया है। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कानून मुसलमानों के खिलाफ है और उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
राहुल गांधी ने सरकार पर किया हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस विधेयक पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि यह कानून वर्तमान में मुसलमानों को निशाना बना रहा है, लेकिन भविष्य में यह अन्य समुदायों को भी प्रभावित कर सकता है। राहुल गांधी ने लिखा, “मैंने पहले ही कहा था कि वक्फ बिल सिर्फ मुसलमानों को नहीं, बल्कि अन्य धर्मों को भी निशाना बना सकता है। अब आरएसएस ने ईसाई समुदाय पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस समय हमारे संविधान ही हमें ऐसे हमलों से बचा सकता है, और इसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
इससे पहले भी राहुल गांधी ने इस विधेयक की आलोचना की थी और कहा था कि यह मुसलमानों को कमजोर करने की कोशिश है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्ति और धार्मिक अधिकारों को छीनने का प्रयास है, जो संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद 25) का उल्लंघन है।
कांग्रेस का विरोध और सरकार का पक्ष
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस इस कानून का विरोध करती है क्योंकि यह भारत की एकता और लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल देश में धार्मिक अस्मिता और शांति को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, सरकार का कहना है कि इस विधेयक के लागू होने से गरीब और पिछड़े वर्गों को न्याय मिलेगा और उनकी संपत्तियों का हक भी सुरक्षित रहेगा।
विधेयक गरीबों के हक की रक्षा करेगा
सरकार का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन करेगा और इससे मुस्लिम समुदाय को फायदा होगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर राजनीतिक बहस गर्म है, कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया है, जबकि सरकार का कहना है कि यह विधेयक गरीबों और पिछड़ों के हक की रक्षा करेगा।