Ajmer Dargah : राजस्थान । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर नया विवाद सामने आया है। इस मुद्दे पर हर पार्टी के नेता बयान दे रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में बहस शुरू हो गई है। रामजीलाल सुमन ने कहा कि हाल ही में “हिंदू सेना” द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे किसी मंदिर का दावा किया गया था। इस पर उनका कहना था कि ये दावा पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह 11वीं शताब्दी की है और इसका इतिहास पूरी तरह से दर्ज है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस दरगाह में हिंदू राजा भी आते थे, जिसका ऐतिहासिक उल्लेख भी है। ऐसे में यह दावा कि दरगाह के नीचे किसी मंदिर का अवशेष है, पूरी तरह से झूठा है।
अल्पसंख्यकों पर बेबुनियाद आरोपों पर भी जताई नाराजगी
रामजीलाल सुमन ने इस दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बेबुनियाद आरोपों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मुसलमान किसी भी तरह से मुगलों के वंशज नहीं हैं। बल्कि, वे पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं।इसके अलावा उन्होंने “1991 के पार्लियामेंट एक्ट” का भी हवाला दिया। सपा सांसद ने कहा कि इस एक्ट के अनुसार, अगर किसी स्थान पर मस्जिद है, तो उसे मस्जिद ही माना जाएगा और यदि किसी स्थान पर मंदिर है, तो वह मंदिर ही माना जाएगा ।
मोहन भागवत ने भी किया था दरगाह के नीचे खुदाई को गलत
सांसद रामजीलाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने साल 2022 में ही अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे खुदाई को गलत और आधारहीन बताया था। उन्होंने ये भी कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यहां हर साल बड़ी-बड़ी हस्तियां आती हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां हर साल चादर भेजते हैं। यह मुस्लिम और हिंदुओं के बीच एकता का प्रतीक है।
बीजेपी नेताओं पर तंज
रामजीलाल सुमन ने बीजेपी नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें बाबर और अन्य मुगलों के ख्वाब आते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह में मुस्लिमों के अलावा हिंदुओं की भी अच्छी खासी संख्या आती है।
आपको बता दें कि रामजीलाल सुमन का बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चाओं का विषय बन गया है। उन्होंने दरगाह को लेकर इतिहास के तथ्यों को सही बताया हैं। साथ ही बीजेपी नेताओं पर भी आलोचना की है। यह मामला कितना और कैसे आगे बढ़ेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इस बयान के बाद राजनीतिक स्थिति और अधिक संवेदनशील होती नजर आ रही है।