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राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में रेड अलर्ट… सुरक्षा बलों की सतर्कता से लोगों को मिली राहत

राजस्थान के पश्चिमी इलाकों, विशेष रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरू जिलों में शनिवार सुबह प्रशासन ने अस्थायी तौर पर ‘रेड अलर्ट’ घोषित किया।

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जयपुर: राजस्थान के पश्चिमी इलाकों, विशेष रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरू जिलों में शनिवार सुबह प्रशासन ने अस्थायी तौर पर ‘रेड अलर्ट’ घोषित किया। यह कदम पाकिस्तान से आने वाले संभावित ड्रोन हमलों के खतरे को देखते हुए उठाया गया था। हालांकि, लगभग दस बजे रेड अलर्ट को हटा कर ग्रीन अलर्ट में बदल दिया गया, जिससे क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।

-आवश्यक सावधानी बरतने की अपील

शनिवार सुबह हनुमानगढ़ प्रशासन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “रेड अलर्ट – घबराए नहीं, बाहर न निकलें। जो जहां हैं, वे वहीं रहें।” श्रीगंगानगर और चुरू में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें लोगों से घरों के अंदर सुरक्षित रहने की अपील की गई थी। चुरू के जिलाधिकारी अभिषेक सुराणा ने अपील की, “आपातकालीन स्थिति में प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।”

-ब्लैकआउट और ड्रोन हमलों की चेतावनी

इससे पहले, शुक्रवार रात को राजस्थान के कई इलाकों में, जैसे कि बाड़मेर, जैसलमेर और पोकरण में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले किए गए थे। हालांकि, वायु रक्षा प्रणाली ने इन ड्रोन को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि भले ही न हो पाई हो, लेकिन शनिवार सुबह बाड़मेर और जैसलमेर में विभिन्न स्थानों पर ड्रोन के मलबे के कुछ अवशेष मिले हैं। पुलिस ने संदिग्ध वस्तुओं की सूचना दी और इलाके में सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। बाड़मेर और जैसलमेर में विशेष रूप से ‘ब्लैकआउट’ का पालन कराया गया, जिसमें सभी लाइट्स बंद रखने के निर्देश दिए गए थे।

-स्थानीय निवासियों का जज्बा और सहयोग

जैसलमेर के निवासी डॉ. जालम सिंह ने बताया, “हम दो दिन से सोए नहीं हैं, लेकिन हमारी सुरक्षा बलों की तत्परता पर भरोसा है। वे पाकिस्तान से होने वाले हमलों को नाकाम कर रहे हैं।” स्थानीय लोगों ने न सिर्फ प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया, बल्कि एकजुट होकर सुरक्षा में सहयोग भी किया।

उमेश आचार्य, एक अन्य निवासी ने मौजूदा हालात की तुलना कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन से की, जहां लोग अपने घरों में ही रहकर सुरक्षा को प्राथमिकता देते थे। उन्होंने कहा, “हम रात के पांच से छह बजे तक घर में ही रहते हैं और सुरक्षा बलों के प्रयासों पर विश्वास रखते हैं।”

-ड्रोन गतिविधियों की राष्ट्रीय चिंता

रक्षा अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध ड्रोन गतिविधियाँ देखी गईं। इन ड्रोन में हथियारों से लैस तत्व भी हो सकते थे, जो किसी भी समय सैन्य और असैन्य क्षेत्रों पर हमला कर सकते थे। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है।

-राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती और दृढ़ संकल्प

पाकिस्तान से होने वाले ड्रोन हमलों के खतरे के बावजूद, राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग अपने प्रशासन और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास और सहयोग का एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। जहां एक ओर अफवाहों और डर के बीच लोग अपने घरों में सख्ती से बंद हैं, वहीं दूसरी ओर, उनकी सतर्कता और अनुशासन से यह स्पष्ट हो रहा है कि ऐसी परिस्थितियों में भी उनका मनोबल ऊंचा है। राजस्थान के ये सीमावर्ती जिले राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं, लेकिन अब सुरक्षा बलों की चौंकस निगाहें और स्थानीय लोगों का सहयोग यह सुनिश्चित करते हैं कि इस तरह के हमले अधिक प्रभावी न हो सकें।

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