आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का ‘स्व’ लौटकर आया है : मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को अयोध्या में राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर थे।

अयोध्या। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्व लौटकर आया है। संपूर्ण विश्व को त्रसदी से राहत देने वाला भारत खड़ा होगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को अयोध्या में राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर थे।

उन्होंने कहा कि आज रामलला वापस फिर से आए हैं, पांच सौ वर्ष के बाद। जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ण दिवस देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया। आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौट कर आया है। पूरे विश्व को त्रसदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है।

अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई।

मोहन भागवत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज कैसा था, यह याद रखना है। हम भी भारत वर्ष की संतानें हैं। कोटि-कोटि कंठ हमारे हैं, जो जयगान करते हैं। हमें अच्छा व्यवहार रखने का तप-आचरण करना होगा। हमें भी सारे कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे परस्पर मत रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद रहते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी पड़ेगी।

संघ प्रमुख ने कहा कि सत्य कहता है कि सभी घटकों में राम हैं। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं, सब हमारे हैं, इसलिए हम चल पाते हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण है। करुणा दूसरा कदम है, जिसका मतलब है सेवा और परोपकार।

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