नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश पुलिस ने संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें रविवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा चार घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी संभल हिंसा से जुड़े एक मामले में की गई है। पुलिस के अनुसार, जफर अली का नाम हिंसा के मामले में सामने आया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
शांति व्यवस्था और सुरक्षा
वहीं गिरफ्तारी के बाद, संभल सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले ही पर्याप्त बल तैनात किया गया था और अभी भी इलाके में पुलिस बल मौजूद है। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए थे। बता दें कि जफर अली की गिरफ्तारी के बाद उनके वकीलों और परिवार द्वारा विरोध किया गया। एडवोकेट शकील अहमद ने आरोप लगाया कि जफर अली को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गिरफ्तार करने का पुलिस को कोई अधिकार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि जफर अली के खिलाफ कोई आधिकारिक आरोप नहीं लगाए गए हैं, और उन्हें जमानत मिलने की संभावना है। जफर अली को चंदौसी ले जाया गया है, जहां उनकी मेडिकल जांच होगी, और फिर जमानत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
#WATCH | उत्तर प्रदेश | जामा मस्जिद सदर प्रमुख और शाही मस्जिद कमेटी के प्रमुख, जफर अली ने कहा, “मैंने कोई हिंसा नहीं भड़काई…”
उन्हें 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के सिलसिले में संभल पुलिस की SIT टीम ने हिरासत में लिया था। pic.twitter.com/AfnIuhTvZh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2025
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
चंदौसी कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, क्योंकि जफर अली को उनके बेटे के साथ यहां लाया जाएगा। जफर अली के भाई, एडवोकेट मोहम्मद ताहिर ने पहले ही यह दावा किया था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इस पर शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी और आरआरएफ समेत भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके अलावा, शहर में फ्लैग मार्च भी किया गया। हालांकि, संभल हिंसा का मामला अभी ताजा है, और पुलिस द्वारा इस मामले में जांच की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि स्थिति नियंत्रण में रहे और किसी प्रकार की अतिरिक्त हिंसा या अशांति न फैले। इस गिरफ्तारी और संबंधित घटनाओं ने स्थानीय लोगों के बीच उथल-पुथल पैदा कर दी है, और इसे लेकर विवाद और विरोध बढ़ सकता है।