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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114बेंगलुरूः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उनकी (कांग्रेस) सत्ता में आने पर जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की योजना है। लोकसभा चुनाव के लिए दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में रैलियों में भाग ले रही ईरानी ने शुक्रवार देर शाम शहर के व्यापारियों के साथ संवाद बैठक में लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा, कि ‘ कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और उसमें लिखा है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा पूरी तरह से बहाल किया जाएगा, लेकिन दबे शब्दों में वे कहते हैं कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे, जिसे हमने निरस्त कर दिया था।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है, लेकिन राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से यूएपीए अधिनियम के तहत पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद राहुल गांधी संगठन से समर्थन स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अब यह हालत हो गयी है कि उन्हें चुनाव जीतने के लिए आतंकवादी संगठनों का समर्थन लेना पड़ रहा है। वायनाड संसदीय क्षेत्र से राहुल गांधी के नामांकन के संबंध में वामपंथी सदस्यों के व्यवहार में कथित विरोधाभास को उजागर करते हुए ईरानी ने आरोप लगाया कि जहां वामपंथी उनके दक्षिण से चुनाव लड़ने पर असंतोष व्यक्त करते हैं, वहीं वे दिल्ली में उनके समर्थक दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि वायनाड में कांग्रेस नेता के हालिया नामांकन को लेकर कुछ मुद्दे चल रहे हैं और वामपंथी यहां से उनके चुनाव लड़ने से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, कि ‘जब वय वामपंथी सदस्य दिल्ली जाते हैं तो उन्हें गले लगाते देखा जाता है। अब नौबत आ गई है कि दिल्ली में गले लगना, केरल में भीख मांगना और कर्नाटक में ठगना। उन्होंने सवाल किया है कि वह (राहुल गांधी) उत्तर प्रदेश से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं। ईरानी ने महिलाओं को डेली सोप ओपेरा जैसे मनोरंजन में व्यस्त रहने के बजाय गंभीर राजनीतिक मुद्दों में उनकी भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं से राजनीतिक जागरुकता एवं भागीदारी को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया और कहा कि जो लोग राजनीति को गंभीरता से लेते हैं, वे ही सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रगति कर सकते हैं।