नेशनल डेस्क : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बेहद कम बजट आवंटन का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की पूरी राशि उन्हें दी जानी चाहिए, ताकि योजना का पूरा लाभ महिलाओं तक पहुंचे। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013…
सोनिया गांधी ने राज्यसभा में कहा कि 2013 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संसद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को पारित किया था। इस कानून के तहत गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये का लाभ देने का प्रावधान था। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में इस प्रावधान को लागू करने का दावा किया गया था, लेकिन इसमें सिर्फ 5000 रुपये का ही प्रावधान किया गया है, जो कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत निर्धारित राशि से कम है।
दूसरे बच्चे के लिए शर्त और महिलाओं के अधिकारों…
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में एक और शर्त का जिक्र किया। उनके अनुसार, इस योजना में यह प्रावधान किया गया है कि अगर महिला का दूसरा बच्चा शिशु लड़की है, तो ही लाभ प्रदान किया जाएगा। उन्होंने इसे महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताया और सरकार से इसे हटाने की अपील की। कांग्रेस नेता ने 2022-23 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पहले बच्चे के जन्म पर 68 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया गया था, लेकिन अगले वर्ष यह आंकड़ा घटकर केवल 12 प्रतिशत रह गया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ऐसा क्यों होने दिया गया और इसकी जिम्मेदारी किसकी है।
12,000 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता
कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मातृत्व लाभ को पूरी तरह से लागू करने के लिए हर साल 12,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने की आवश्यकता है। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि वर्तमान बजट में भारी कमी दिख रही है, जो इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधक हो सकती है। सोनिया गांधी ने यह भी हैरानी जताई कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए बजट दस्तावेज़ में स्पष्ट रूप से आवंटन नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के तहत ‘सामर्थ्य’ कार्यक्रम के लिए 2025-26 में 2521 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जबकि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए बजट बेहद कम है।
समाप्ति और सरकार से आग्रह
सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए आवश्यक बजट आवंटित किया जाए, ताकि इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन हो सके और गर्भवती महिलाओं को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिल सके। राज्यसभा में सोनिया गांधी ने सरकार को घेरते हुए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बजट आवंटन में कटौती और शर्तों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए पर्याप्त बजट की आवश्यकता है।