नई दिल्ली/भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों को शनिवार को उस वक्त बल मिला जब उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी, तो वह इसकी जानकारी पहले मीडिया को देंगे। दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश से संबंधित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कमलनाथ के भाजपा के साथ जाने की अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि उनका पार्टी एवं गांधी-नेहरू परिवार से कई दशक पुराना रिश्ता है।
कमलनाथ के भाजपा के साथ जाने की अटकलों के बीच उनके पुत्र एवं सांसद नकुलनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने परिचय से कांग्रेस हटा दिया।
‘एक्स’ पर नकुलनाथ के परिचय में अब सिर्फ इतना लिखा है कि वह छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) के सांसद हैं। राजनीति कयासों के बीच कमलनाथ शनिवार को दिल्ली पहुंचे। पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के दौरे पर थे, जहां से वह नौ बार सांसद रह चुके हैं। उनके पुत्र नकुल नाथ वर्ष 2019 के चुनाव में इस सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। दिल्ली पहुंचने के बाद कमलनाथ ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों से जुड़े सवालों पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप लोग बहुत उत्साहित हो रहे हैं। यह मैं नहीं कह रहा हूं, आप लोग कह रहे हैं। अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आप लोगों को जानकारी दूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्साहित नहीं हूं, ना इस तरफ, ना उस तरफ। अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आप लोगों को खबर करूंगा।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इन अटकलों को खारिज किया और इन बातों को मीडिया की उपज करार दिया।
कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कल रात साढ़े 10 या 11 बजे कमलनाथ से बात की, वह छिंदवाड़ा में हैं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति जिसने अपनी राजनीतिक यात्र कांग्रेस से शुरू की और जब इंदिरा गांधी को जनता पार्टी द्वारा जेल भेजा गया तो वह नेहरू-गांधी परिवार के साथ खड़े थे, क्या आपको लगता है कि ऐसा व्यक्ति कभी कांग्रेस और गांधी परिवार को छोड़ेगा?’’ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी अटकलों को खारिज किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा बताया था ।
पटवारी ने संवाददाताओं से कहा, क्या आप इंदिरा जी के तीसरे बेटे के भाजपा में शामिल होने का सपना देख सकते हैं? उन्होंने कहा कि कमलनाथ बुरे दौर में कांग्रेस के पीछे चट्टान की तरह खड़े रहे जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्च 2020 में भाजपा में शामिल होने के बाद उनके (कमलनाथ के) नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। माना जा रहा है कि कमलनाथ राज्यसभा सीट नहीं मिलने से नाराज हैं और पिछले साल के आखिर में हुए मप्र विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद से राहुल गांधी भी उनके विरोध में हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया था और उनके स्थान पर जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंप गई थी। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 230 सदस्यीय सदन में 163 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी और कांग्रेस को सिर्फ 66 सीट से संतोष करना पड़ा।