rocket
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114चंडीगढ़ : पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया हैं। पंजाब सरकार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली हैं। पूरे पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया हैं, जहां कंप्लेंट्स आई हैं केवल उन पंचायतों में आगे की प्रक्रिया पर रोक लगी हैं। 14 तारीख को दोबारा सुनवाई हाेगी। हाईकोर्ट काे जिन जगहों से पिटीशन दाखिल हुई थी उन इलाके पर चुनाव करने पर स्टे लगा दी है। 270 से अधिक गांवाें में चुनाव करने पर राेक लगा दी हैं। इन जगहाें पर अगले आदेश तक चुनाव नहीं हाेंगे। यहां तक कि जिन जगहों पर सर्वसम्मति के साथ सरपंच चुने गए थे, अगर वहां से पिटीशन दाखिल हुई हैं, ताे वहां पर भी स्टे लगा दी हैं। पंजाब में अब करीब 13,000 ग्राम पंचायताें में एक साथ चुनाव नहीं हाेगा।
हाईकोर्ट ने कहा कि राज कमल चौधरी अप्रैल में आईएएस पद से रिटायर हो गए हैं। इसलिए वह चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं कर सके। अधिनियम के तहत उसी आईएएस अधिकारी को राज्य चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है जो आईएएस के रूप में कार्यरत है। राज कमल चौधरी सितंबर में चुनाव की अधिसूचना जारी कर चुके हैं, जबकि वे अप्रैल में रिटायर हो गए थे।
बता दें, पंजाब राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने पंचायत चुनावों को लेकर घोषणा की थी कि 27 सितंबर से 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। 5 अक्टूबर काे नामांकन की जांच की जाएंगी और 7 अक्टूबर को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख होंगी। 15 अक्टूबर काे मतदान हाेंगे और 15 अक्टूबर काे ही नतीजे आएंगे।
आपको बता दें कि पंजाब में करीब 13,000 ग्राम पंचायतें पहले ही भंग की जा चुकी हैं। दो हफ्ते पहले सरकार ने बची हुई 153 पंचायत समितियों में से 76 को भी भंग कर दिया था। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषदें हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गया। होशियारपुर जिले में राज्य में सबसे अधिक 1405 पंचायतें हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। पिछले साल दिसंबर से भंग पंचायतों के चुनाव अभी भी लंबित हैं।