नई दिल्ली : भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों के बीच आपसी एकजुटता और एक दूसरे का साथ देने की अदम्य इच्छा से भारत को रिकॉर्ड पांचवीं बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद मिली। भारत ने मंगलवार को हुलुनबिर में फाइनल में जुगराज सिंह के अंतिम क्षणों में किए गए गोल की मदद से चीन को 1-0 से हराया। पाकिस्तान ने दक्षिण कोरिया पर 5-2 से जीत के साथ कांस्य पदक जीता। हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के अनुसार हरमनप्रीत ने कहा,‘‘फाइनल वास्तव में तनावपूर्ण था। चीन की टीम ने पूरे मैच के दौरान हमारे सामने कड़ी चुनौती पेश की जिससे गोल करने के लिए मौका बनाना आसान नहीं था।’’
उन्होंने कहा, कि ‘लेकिन पिछले कुछ वर्षों में खिलाड़ियों का एक दूसरे पर भरोसा काफी बढ़ा है। हम एक दूसरे के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। इस तरह की एकजुटता से हमें मैच जीतने में मदद मिलती है।’’ भारतीय कप्तान ने कहा, कि ‘पिछले साल चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक, हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने से टीम के अंदर गहरा सौहार्द पैदा हुआ है।’’ हरमनप्रीत ने इन प्रतियोगिताओं में आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में 10 गोल किए। भारत ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कुल 26 गोल किए जिनमें सात गोल हरमनप्रीत ने दागे। उन्होंने अपने सभी गोल पेनल्टी कार्नर पर किये।
हरमनप्रीत ने कहा कि आगे भी इस सफलता को बरकरार रखना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, कि ‘हमें गर्व है कि हम अपना खिताब बचाने में सफल रहे लेकिन काम यही पर समाप्त नहीं हुआ है। अभी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें सुधार की जरूरत है। हमें एक टीम के रूप में मजबूत बनना होगा।’’ उप कप्तान विवेक सागर ने कहा कि ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रत्येक टीम का लक्ष्य भारत को हराना था। उन्होंने कहा, कि ‘ग्रुप चरण में किसी भी टीम के खिलाफ खेलना आसान नहीं था। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रत्येक टीम ने भारत को हराना अपना लक्ष्य बनाया था। लेकिन हमारे प्रत्येक खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।’’