विज्ञापन

भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ योगी सरकार का बड़ा एक्शन, विजिलेंस जांच शुरू

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही शासन ने उनकी संपत्ति और अर्जित धन की जांच के लिए विजिलेंस जांच के आदेश भी दिए हैं। इस खुली जांच में अभिषेक प्रकाश द्वारा अपनी बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और.

- विज्ञापन -

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही शासन ने उनकी संपत्ति और अर्जित धन की जांच के लिए विजिलेंस जांच के आदेश भी दिए हैं। इस खुली जांच में अभिषेक प्रकाश द्वारा अपनी बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ में तैनाती के दौरान जुटाई गई संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। विशेष रूप से लखनऊ के जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी (विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष) का भी चार्ज संभाला था, और अब विजिलेंस टीम इन स्थानों पर अर्जित संपत्तियों का ब्यौरा जुटाएगी।

गुरुवार को हुआ निलंबन

गुरुवार को, ‘इन्वेस्ट यूपी’ के सीईओ और आईएएस अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में एक बिचौलिए, निकंत जैन को भी गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई एक सौर उद्योग के निवेशक द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि निकंत जैन ने अभिषेक प्रकाश के नाम पर परियोजना की मंजूरी के लिए कमीशन की मांग की थी।

बिचौलिये निकंत जैन की गिरफ्तारी

जांच के दौरान बिचौलिये निकंत जैन को गिरफ्तार किया गया। निकंत जैन के खिलाफ आरोप है कि उसने एक उद्यमी से ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अधिकारियों की मदद से राज्य में सौर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए पांच प्रतिशत कमीशन (रिश्वत) की मांग की थी। आरोप यह भी है कि जब उद्यमी ने यह भुगतान करने से इनकार किया, तो निकंत जैन ने उसे चेतावनी दी कि परियोजना आगे नहीं बढ़ेगी यदि वह उसकी मदद नहीं करेगा। पुलिस ने उसे गोमती नगर क्षेत्र में शहीद पथ के पास से गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

रिश्वत मांगने का आरोप

प्राथमिकी के अनुसार, एक औद्योगिक समूह ने राज्य में सौर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ‘इन्वेस्ट यूपी’ के माध्यम से आवेदन किया था। आवेदन की समीक्षा के बाद, एक वरिष्ठ अधिकारी ने आवेदक को निकंत जैन से संपर्क करने का सुझाव दिया। इसके बाद निकंत जैन ने परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की और आवेदक को अग्रिम भुगतान करने का दबाव डाला। जब आवेदक ने ऐसा करने से इनकार किया, तो जैन ने उसे धमकी दी कि बिना उसकी मदद के परियोजना को मंजूरी नहीं मिलेगी।

निकंत जैन का आपराधिक इतिहास

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बिचौलिये निकंत जैन का धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों का लंबा इतिहास रहा है। उसके खिलाफ मेरठ, लखनऊ और एटा में कई मामले लंबित हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या निकंत जैन अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में भी शामिल था। इसके अलावा, वह जिन अधिकारियों या व्यक्तियों के साथ जुड़े हुए थे, उनकी पहचान भी की जा रही है।

भ्रष्टाचार मुक्त निवेश तंत्र की दिशा में कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस शिकायतकर्ता की निवेश परियोजना को बिना किसी अनावश्यक देरी के मंजूरी दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य एक भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी निवेश तंत्र को बढ़ावा देना है, ताकि प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बना रहे।

Latest News