नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। अब तक करीब 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस धार्मिक समागम में न केवल भारत से, बल्कि यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और पाकिस्तान जैसे देशों से भी लोग आ रहे हैं। पाकिस्तान से भी कई श्रद्धालु इस अवसर पर प्रयागराज पहुंचे हैं। इनमें एक नाम रामनाथ मिश्रा का है, जो पाकिस्तान के कराची शहर से महाकुंभ में आए हैं। । वे 400 हिंदू और सिखों की अस्थियों के साथ महाकुंभ में शामिल हुए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनका परिवार कराची में एकमात्र मिश्रा परिवार है। रामनाथ मिश्रा कराची में पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी हैं। रामनाथ मिश्रा और उनका परिवार प्रयागराज के सेक्टर 24 में ठहरे हुए हैं, जहां उन्होंने स्वामी अधोक्षजानंद के शिविर में अपने 9 साल के बेटे का जनेऊ संस्कार भी कराया। आइए जानते है इस पूरी खबर को विस्तार से…
21 फरवरी को अस्थि कलशों का करेंगे पूजन
आपको बता दें कि रामनाथ मिश्रा, जो पाकिस्तान के कराची शहर से महाकुंभ प्रयागराज आए हैं, ने अपने धार्मिक यात्रा के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उनके साथ 400 हिंदू और सिखों की अस्थियाँ भी महाकुंभ में विसर्जन के लिए लाई गई हैं। रामनाथ मिश्रा ने संगम का जल लेकर दिल्ली जाने की योजना बनाई है, जहां वे 21 फरवरी को निगम बोध घाट पर अस्थि कलशों का पूजन करेंगे। इसके बाद, संगम के जल को अस्थियों पर छिड़कने के बाद दिल्ली से हरिद्वार तक रथ यात्रा निकाली जाएगी। 22 फरवरी को सती घाट पर 100 लीटर दूध की धारा में इन अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
पंचमुखी हनुमान मंदिर की सेवा कर रहे…
रामनाथ मिश्रा ने बताया कि उनके परिवार के पूर्वज लगभग 1500 वर्षों से कराची में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर की सेवा कर रहे हैं। एक समय था जब इस मंदिर पर कब्जा कर लिया गया था, लेकिन उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया और मंदिर को मुक्त कराया। इसके बाद, मंदिर के श्मशान घाट का भी पुनर्निर्माण किया गया, जिससे अब एक बार में 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। उन्होंने श्मशान घाट में अस्थियों के लिए एक घर भी बनाया गया है, जहां पिछले 9 सालों में 400 अस्थि कलश इकट्ठे किए गए हैं। जब उनका भारत जाने का वीजा स्वीकृत हुआ, तो उन्होंने इन अस्थियों को भारत लाने का निर्णय लिया, ताकि वे महाकुंभ के इस धार्मिक आयोजन में अस्थियों का विसर्जन कर सकें।
CM योगी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रशंसा व्यक्त की
रामनाथ मिश्रा ने बताया कि उनका परिवार नाथ संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रशंसा व्यक्त की और कहा कि वे उनके बड़े प्रशंसक हैं। मिश्रा ने कहा कि उनका वीजा केवल लखनऊ तक के लिए था, लेकिन जब उन्होंने सीएम योगी से अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा की इच्छा जताई, तो उन्हें प्रयागराज, काशी और मथुरा जाने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा नियमों में ढील दी जाए, ताकि और अधिक लोग इस महाकुंभ जैसे धार्मिक समागम का हिस्सा बन सकें और भारत की आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकें। उनका मानना है कि इस तरह की
रामनाथ मिश्रा और उनका परिवार महाकुंभ के इस आयोजन का हिस्सा बनकर एक ऐतिहासिक मिसाल पेश कर रहे हैं। उनकी यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को भी मजबूत करती है। उनके योगदान से यह प्रतीत होता है कि धार्मिक समागम मानवता को जोड़ने का एक बेहतरीन माध्यम हो सकता है।