पश्चिम बंगाल डेस्क : पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को एक महिला प्रदर्शनकारी को गला घोंटने की धमकी दी। यह घटना तब हुई जब दिलीप घोष खड़गपुर में एक सड़क का उद्घाटन करने गए थे। उद्घाटन के दौरान कुछ महिलाएं उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगीं। महिलाएं बीजेपी नेता के क्षेत्र में सक्रिय न होने का विरोध कर रही थीं और उनका कहना था कि जब वह सांसद थे, तो उन्होंने कभी अपने क्षेत्र में काम नहीं किया और न ही कभी यहां का दौरा किया। जिसके बाद दिलीप घोष ने कहा, “मैं तुम्हारी चौदह पीढ़ियों को पाल दूंगा, चिल्लाओ मत।” इसके बाद उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों को “तृणमूल का कुत्ता” भी कहा। यह धमकी देते हुए वह कह रहे थे, “मै तुम्हारा गला घोंट दूंगा।” आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
जब आप सांसद थे, तो हमने आपको एक दिन…
दरअसल, एक महिला ने दिलीप घोष से पूछा, “आप इतने समय से कहां थे? जब आप सांसद थे, तो हमने आपको एक दिन भी नहीं देखा। अब जब हमारे पार्षद ने यहां सड़क बनाई है, तो आप यहां पर क्या कर रहे हैं?” इस पर दिलीप घोष भड़क गए और महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि यह सड़क उन्होंने अपने पैसे से बनवायी है, “न कि तुम्हारे पैसों से।” उन्होंने यह भी कहा, “जाकर प्रदीप सरकार से पूछो।”
गुस्से में बर्ताव और धमकी…
बता दें कि मामला उस समय और बिगड़ गया जब दिलीप घोष ने कहा, “मैं तुम्हारी चौदह पीढ़ियों को पाल दूंगा, चिल्लाओ मत।” इसके बाद उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों को “तृणमूल का कुत्ता” भी कहा। यह धमकी देते हुए वह कह रहे थे, “मै तुम्हारा गला घोंट दूंगा।” इस बहस के बाद इलाके में तनाव फैल गया और खड़गपुर टाउन पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत करने की कोशिश की।
TMC की आलोचना
दिलीप घोष के इस असभ्य और धमकीपूर्ण बर्ताव पर टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) ने कड़ी आलोचना की है। टीएमसी ने कहा कि पूर्व सांसद के रूप में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। टीएमसी ने यह भी सवाल उठाया कि जब दिलीप घोष अब सांसद नहीं हैं, तो वे सड़कों का उद्घाटन करने क्यों गए?
पार्षद प्रदीप सरकार की प्रतिक्रिया..
खड़गपुर के वार्ड नंबर 6 से तृणमूल कांग्रेस के पार्षद प्रदीप सरकार ने भी इस घटना पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष वहां गए और गुस्से में आ गए, तथा महिलाओं को 500 रुपये का कर्मचारी कहा। प्रदीप सरकार ने कहा कि दिलीप घोष को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। यह घटना राज्य में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती है, खासकर जब एक वरिष्ठ नेता इस तरह की धमकियों का सामना करता है। दिलीप घोष का बर्ताव न केवल बीजेपी के लिए, बल्कि पूरी राजनीतिक और सामाजिक सजा पर सवाल उठाने वाला है। टीएमसी और बीजेपी दोनों के बीच यह विवाद अब और गहरा सकता है।