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Dalai Lama Security : धार्मिक गुरु दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात होगी Z श्रेणी की सुरक्षा … IB ने जताई थी खतरे की आशंका

नेशनल डेस्क : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को Z कैटेगरी सुरक्षा प्रदान की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने दलाई लामा को खतरे की आशंका जताते हुए एक रिपोर्ट दी थी। सुरक्षा की इस नई व्यवस्था के तहत दलाई लामा को पूरी.

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नेशनल डेस्क : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को Z कैटेगरी सुरक्षा प्रदान की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने दलाई लामा को खतरे की आशंका जताते हुए एक रिपोर्ट दी थी। सुरक्षा की इस नई व्यवस्था के तहत दलाई लामा को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से..

Z सिक्योरिटी के तहत मिलने वाली सुरक्षा

Z कैटेगरी सुरक्षा के तहत दलाई लामा को कुल 33 सुरक्षाकर्मी मिलेंगे। इनमें विभिन्न सुरक्षा कर्मी शामिल होंगे, जिनमें

  1. सशस्त्र स्थिर गार्ड
    दलाई लामा के धर्मशाला स्थित निवास पर सशस्त्र गार्ड तैनात किए जाएंगे, जो उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे।
  2. पार्टी के अधिकारी और एस्कॉर्ट कमांडो
    दलाई लामा को सुरक्षा देने के लिए निजी सुरक्षा अधिकारी और सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो तैनात किए जाएंगे, जो उन्हें शिफ्ट में सुरक्षा प्रदान करेंगे।
  3. प्रशिक्षित चालक और निगरानी कर्मी
    इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षित चालक और निगरानी कर्मी हमेशा ड्यूटी पर रहेंगे, जो उनकी सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी बनाए रखेंगे।

इस प्रकार, दलाई लामा की सुरक्षा के लिए एक व्यापक सुरक्षा व्यवस्था तैयार की गई है, जो उन्हें किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने में सक्षम होगी।

दलाई लामा, एक महान आध्यात्मिक नेता

आपको बता दें कि दलाई लामा, जिनकी उम्र अब 89 साल है, तिब्बती बौद्ध धर्म के महान आध्यात्मिक नेता हैं। उन्हें बौद्ध अनुयायी करुणा के रूपक के तौर पर देखते हैं। उनका जीवन शांति और अहिंसा के संदेश से भरा हुआ है। वह अपनी शांति पर आधारित शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं और दुनिया भर में लाखों लोग उनका सम्मान और अनुसरण करते हैं।

नोबेल शांति पुरस्कार और तिब्बत से…

1989 में दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उनके शांति के प्रति योगदान की सबसे बड़ी स्वीकृति थी। उनका जीवन तिब्बत से भारत आने के बाद शुरू हुआ। 1959 में जब तिब्बत में संकट बढ़ा, तब दलाई लामा ने तिब्बत छोड़ने का निर्णय लिया और हिमालय के रास्ते भारत पहुंचे। उन्होंने ल्हासा से पैदल यात्रा करते हुए भारतीय सीमा तक यात्रा की थी, जहां वह शरणार्थी के तौर पर भारत में बस गए। दलाई लामा की इस सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए, उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है, ताकि उन्हें किसी प्रकार का खतरा न हो और वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रख सकें।

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