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Delhi Budget 2025 : CM रेखा गुुप्ता ने दिल्ली को दी बड़ी सौगात, पहली बार पेश हुआ 1 लाख करोड़ का बजट…इन क्षेत्रों पर रही खास नजर

नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च 2025 को दिल्ली विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्त वर्ष के बजट से 31.5 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, जो दिल्लीवासियों के जीवन स्तर में सुधार और.

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नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च 2025 को दिल्ली विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्त वर्ष के बजट से 31.5 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, जो दिल्लीवासियों के जीवन स्तर में सुधार और शहर के समग्र विकास को लक्षित करती हैं। सीएम रेखा ने कहा- मैं आपके माध्यम से दिल्ली की जनता को ये बताना चाहती हूं कि आज तक की सरकारों के राज में 2023 में 78 हजार 800 करोड़ का बजट था। 24-25 का बजट घटकर सिर्फ 76 हजार करोड़ रह गया। ये दिल्ली में सबसे खराब स्थिति थी। इस बार का दिल्ली का बजट एक लाख करोड़ रुपये का है। ये ऐतिहासिक है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

मुख्य घोषणाएं और योजनाएं

  • स्वास्थ्य बीमा: रेखा गुप्ता ने ऐलान किया कि दिल्ली के लोगों को अब 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। यह कदम दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।

 

  • महिला समृद्धि योजना: रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि ‘महिला समृद्धि योजना’ के लिए बजट में 5100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत दिल्ली की हर महिला को प्रत्येक महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का प्रयास है।

 

  • विकास के 10 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस: बजट में रेखा गुप्ता ने 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, बिजली, सड़कें, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।

 

CM रेखा गुप्ता का बजट भाषण

रेखा गुप्ता ने बजट भाषण की शुरुआत में आम आदमी पार्टी और पूर्ववर्ती सरकार पर हमले किए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक ऐतिहासिक बजट लेकर आई है, जो दिल्ली के गौरवशाली इतिहास और उज्जवल भविष्य का संगम बनेगा। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, “मैं दिल्ली वासियों और मां यमुना को नमन करते हुए पूरी जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए इसे समुचित निभाने का संकल्प करती हूं।” वहीं उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के लिए 9 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। स्मार्ट क्लास बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

सीएम ने इस बजट को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के सिद्धांतों पर आधारित बताया। इसके साथ ही उन्होंने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली में हुए विकास के नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि, “दुख होता है कि पिछले 10 सालों में विकास के हर पैमाने पर दिल्ली लगातार फिसलती गई। जर्जर सड़कें, दूषित यमुना, वायु प्रदूषण और दयनीय स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से दिल्ली बदहाल है।” बता दें कि इस बजट में झुग्गी बस्तियों के विकास के लिए 696 करोड़ रुपये आवंटित किए। वहीं, दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के बजट में शहर भर में 100 ‘अटल कैंटीन’ स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

पिछली सरकार पर हमला

सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार की नीतियों पर भी हमला करते हुए कहा कि, “पिछली सरकार ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह खोखला किया।” उन्होंने कहा कि इस बार का बजट ऐतिहासिक है और यह दिल्ली के समग्र विकास के लिए नई राह खोलेगा।


बजट का उद्देश्य: स्मार्ट सिटी बनाना

रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि इस बजट में 28,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से दिल्ली में सड़क, पुल, जल निकासी, ट्रांसपोर्ट और अन्य सार्वजनिक सेवाओं का व्यापक और तेज विकास होगा। उनका कहना था कि यह बजट दिल्ली को एक स्मार्ट और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

नए विकास की उम्मीद

सीएम ने यह स्पष्ट किया कि यह बजट केवल दिल्ली के समग्र विकास के लिए नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में भी नई ऊंचाइयां हासिल करने की दिशा में काम करेगा। इसका उद्देश्य दिल्लीवासियों को बेहतर सेवाएं और जीवन स्तर प्रदान करना है। कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार का यह एक लाख करोड़ रुपये का बजट दिल्ली को एक स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, और यह दिल्लीवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेगा।

इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछली सरकार विकास के हर पहलू में विफल रही… यमुना गंदी थी, सड़कें क्षतिग्रस्त थीं, वायु प्रदूषण बहुत अधिक था। दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी… घाटे में थे। गंदा पानी और ओवरफ्लो सीवर दिल्ली की पहचान बन गए थे…”

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