भारत को सर्कुलर इकोनॉमी में विश्व में अग्रणी बनाने की अपील

जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत को सर्कुलर इकोनॉमी में विश्व में अग्रणी बनाने बनाने

कोलकाता: जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत को सर्कुलर इकोनॉमी में विश्व में अग्रणी बनाने बनाने में हर उद्योग से सहयोग की अपील की है। कांत ने यहां 11वें इंटरनेशनल मटेरियल रिसाइकलिंग कॉन्फ्रेंस (आईएमआरसी) के समापन सत्र को संबोधित करते हुये कहा, “मैंने एमआरएआई को एक छोटी संस्था से लेकर चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर कार्यरत एक गतिशील शक्ति के रूप में विकसित होते हुए करीब से देखा है। 7.5 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत एक तेज़ी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और अगले कुछ सालों में भारत का दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना तय है।

इसलिए अब यह महत्वपूर्ण है कि डीकार्बोनाइज़िंग के द्वारा विकास और समृद्धि में भारत दुनिया का सबसे पहला देश बने। यह शुद्ध रूप से पर्यावरण का विषय नहीं है, यह एक सामाजिक-आर्थिक अवसर है। रोज़गार निर्माण का यह मौका है। सभी उत्पाद जिनका जीवन समाप्त हो चुका है, वह मेरे लिए कचरा नहीं, बल्कि कच्ची सामग्री है। हम सभी को ग्रह का समर्थन करने वाले ऐसे लोग बनना चाहिए जो भारत की आगे की प्रगति के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था की प्रासंगिकता को सामने लाए। यह एक लाख करोड़ डॉलर का व्यापार है और भारत को वर्ल्ड लीडर बनाने के लिए प्रत्येक को अपना योगदान और समर्थन देना होगा।”

सीओपी 28 के प्रमुख विषयों को एकीकृत करते हुए रिसाइकलिंग, चक्रीय अर्थव्यवस्था और सस्टेनेबिलिटी के महत्वपूर्ण पहलूओं पर चर्चा करने के लिए ग्लोबल लीडर्स, सरकार के उच्च-पदस्थ अधिकारी और उद्योग विशेषज्ञ एक मंच पर इकठ्ठा हुए थे। एमआरएआई का 11वां आईएमआरसी कॉफ्रेंस एंड एक्सपो एशिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है जिसमें 2200 प्रतिनिधि मंडलों ने उपस्थिति दर्ज की और इस कार्यक्रम में 35 से अधिक देशों से 200 प्रदर्शनकारी सहभागी हुए।

एमआरएआई के अध्यक्ष संजय मेहता ने वैश्विक ट्रेंड के साथ संरेखित होते हुए स्क्रैप आयात के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि नॉन-फेरस शुल्क हटाया जाए, मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिले और हमें बिना किसी शुल्क के आयात करने के लिए अनुमति प्रदान करें और एक खिड़की स्वीकृति की व्यवस्था को सक्षम बनाएं।

चक्रीय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को लागू करने के लिए हम नए उत्पाद विकसित करने के लिए कम से कम 20 प्रतिशत रिसाइकल योग्य सामग्री का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने की सलाह देते हैं। श्री कांत द्वारा साझा किए गए प्रोत्साहन से हम बहुत प्रेरित हुए हैं। आपके सुझाव के अनुसार हम मुख्य कृति बिंदुओं का खाका तैयार कर रहे हैं जो आपके मार्गदर्शन में रिसाइकलिंग सेक्टर को लाभ पहुँचाने का कार्य करेगा।”

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