नई दिल्ली/मुंबईः एयर इंडिया के चुनिंदा पायलट अब बोइंग के दो प्रकार के बड़े विमान चला सकेंगे। इस संबंध में विमानन कंपनी की लंबे समय से लंबित मांग को विमानन नियामक डीजीसीए ने मंजूरी दे दी है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कि एयर इंडिया शुरुआत में बोइंग 777 और 787 विमान चलाने के लिए कुल आठ नामित परीक्षकों को प्रशिक्षण दे सकती है। इनमें चार परीक्षकों को बोइंग 777 जबकि चार परीक्षकों को बोइंग 787 के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। मौजूदा पायलटों के दोहरे उपयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजनाएं बना रही विमानन कंपनी को मदद मिलेगी।
आम तौर पर, एक नामित परीक्षक एक अनुभवी पायलट होता है, जिसे नियामक द्वारा नागरिक विमानन जरूरतों के आधार पर विभिन्न परीक्षाएं और जांच करने के लिए अधिकृत किया जाता है। परीक्षक संबंधित एयरलाइन का कर्मचारी होता है।अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए द्वारा स्वीकृत योजना के अंतर्गत, सभी आठ नामित परीक्षकों में से प्रत्येक के पास बोइंग 777 और 787 के अलग-अलग संचालन के मामले में कम से कम 10 बार विमान उतारने के साथ 150 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। एयर इंडिया के प्रस्ताव को डीजीसीए ने तीन मार्च को मंजूरी दी थी।