नई दिल्ली: उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने प्रतिद्वंद्वी कारोबारी गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी पावर की मध्य प्रदेश में एक बिजली परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। यह पहला मौका है जबकि 2 प्रतिद्वंद्वी अरबपति उद्योगपतियों के बीच किसी तरह का गठजोड़ हुआ है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संयंत्र की 500 मैगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि रिलायंस, अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी महान एनज्रेन लिमिटेड में 10 रुपए अंकित मूल्य (50 करोड़ रुपए) के 5 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी और निजी उपयोग के लिए 500 मैगावाट उत्पादन क्षमता का उपयोग करेगी।
अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक है तो अदाणी का ध्यान बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है। दोनों कारोबारियों ने स्वच्छ ऊर्जा खंड को छोड़कर शायद ही कभी एक-दूसरे का रास्ता काटा हो।
इस खंड में दोनों उद्योगपतियों ने कई अरब रुपए के निवेश की घोषणा की है। अदाणी समूह 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने की आकांक्षा रखता है, जबकि रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्टरी का निर्माण कर रही है। इनमें प्रत्येक फैक्टरी सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सैल के लिए है।