नई दिल्ली: सरकार ने व्हाइट गुड्स उत्पादों (एसी, एलईडी लाइट) से संबंधित पीएलआई (उप्तादन से जुड़ा प्रोत्साहन) योजना के दिशानिर्देशों में सुधार किए हैं जिनमें ‘कैप्टिव खपत ’ और समूह की कंपनियों के बीच माल की खरीद बिक्री में मूल्य ‘ लागत से कुछ ऊंचा’ रखने संबंधी संशोधन भी शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार यह निर्णय लाभार्थियों के साथ-साथ उद्योग संघों की ओर से इस योजना के संबंध में मिले अनुरोधों/सुझावों के आधार पर किया गया है। साथ-साथ सुधार करने की दृष्टि से योजना के दिशानिर्देशों में और संशोधन किए गए हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार इन संशोधनों में स्वयं के उत्पादन की स्वयं के कार्य में खपत या समूह कंपनियों को बिक्री में मूल्य की गणना के लिए सीयूपी (तुलनीय अनियंत्रित मूल्य) पद्धति के स्थान पर लगत से कुछ ऊपर मूल्य रखने पद्धति को अपनाना भी शामिल है । इसके लिए‘समूह की फर्मों के बीच क्रय-बिक्रय के मामले में दूरी यानी बाजार मूल्य को अपनाने‘ की परिभाषा में भी संशोधन किया गया है।इसी तरह पूंजी निवेश के तहत पात्र निवेश के रुप में मोल्ड और डाई आदि के निर्माण के लिए टूल रुम में निवेश पर विचार किया गया है। अतिरिक्त विनिर्माण सुविधा की स्थापना के बारे में लाभार्थियों को सूचित करने के लिए दो वर्षों के अलावा एक और वर्ष के समय की अनुमति दी गयी है।
दावा दायर करने के समय कानूनी प्रावधानों और रिकॉडरें में समानता न होने के कारण लाभार्थी को दावा दायर करने की अंतिम तिथि तथा अतिरिक्त प्रोत्साहन के संबंध में दिशानिर्देशों में संशोधन के अलावा प्रशासनिक मंत्रलय द्वारा साइट का दौरा; बैंक गारंटी का रोल ओवर आदि से कई दिशानिर्देशों में उचित संशोधन किए गए हैं।प्रधान मंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के अनुपालन की दिशा में एसी और एलईडी लाइट्स के हिस्से पुजरें और उप-असेंबली के निर्माण के लिए व्हाइट गुड्स पीएलआई योजना को सात अप्रैल, 2021 को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी। इस योजना को वित्त वर्ष 2021-22 से 2028-29 तक सात साल की अवधि में लागू किया जाना है। इस पर सरकार 6,238 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन देने वाली है। इस योजना को 16 अप्रैल, 2021 को अधिसूचित किया गया था और योजना दिशानिर्देश उसी साल चार जून को जारी किए गए थे।यह योजना अब लागू हो चुकी है और 64 चयनित लाभार्थियों में से 15 लाभार्थियों पे व्यावसायिक उत्पादन शुरु कर दिया है। व्हाइट गुड्स पीएलआई योजना से भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स उद्योग में घरेलू मूल्यसंवर्धन मौजूदा 15-20 प्रतिशत से बढ़कर 75-80 प्रतिशत होने की उम्मीद है।