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Bharti Airtel ने 5,985 करोड़ रुपये का समय से पहले किया भुगतान

दूरसंचार कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एयरटेल की सहायक कंपनी नेटवर्क आई2आई ने भी स्वेच्छा से 1 अरब डॉलर के 'स्थायी बांड' लौटा दिए हैं।

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नई दिल्ली: भारती एयरटेल और उसकी सहायक कंपनी भारती हेक्साकॉम ने उच्च मूल्य स्पेक्ट्रम देनदारियों के लिए निर्धारित समय से पहले दूरसंचार विभाग को 5,985 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। दूरसंचार कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एयरटेल की सहायक कंपनी नेटवर्क आई2आई ने भी स्वेच्छा से 1 अरब डॉलर के ‘स्थायी बांड’ लौटा दिए हैं।

सुनील मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी ने कहा, ‘‘भारती एयरटेल और उसकी सहायक कंपनी भारती हेक्साकॉम ने दूरसंचार विभाग को तय समय से पहले 5,985 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। इसके साथ ही 2024 की नीलामी से संबंधित 8.65 प्रतिशत की उच्च लागत वाली ब्याज देनदारियों का भी तय समय से पहले पूरा भुगतान कर दिया है।’’ कंपनी के अनुसार, ‘‘एयरटेल ने अपनी उच्च लागत वाली स्पेक्ट्रम देनदारियों का पूर्व भुगतान जारी रखा है।

वह अपने ऋण और उधार लेने की लागत को कम कर रहा है। यह वित्तीय कौशल, परिचालन दक्षता और मजबूत पूंजी स्थिति के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एयरटेल ने अब चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 25,981 करोड़ रुपये की उच्च मूल्य वाली स्पेक्ट्रम देनदारियों का भुगतान कर दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने अब तक स्पेक्ट्रम देनदारियों के लिए कुल 66,665 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

कंपनी के अनुसार, “इन भुगतानों के परिणामस्वरूप, एयरटेल ने स्पेक्ट्रम देनदारियों पर अपने ऋण की लागत को औसतन लगभग 7.22 प्रतिशत कम कर दिया है। यह लागत 52,000 करोड़ रुपये की शेष स्पेक्ट्रम देनदारियों (समायोजित कुल राजस्व देनदारियों को छोड़कर) पर है। इसके अलावा, एयरटेल की सहायक कंपनी नेटवर्क I2I लिमिटेड ने स्वेच्छा से ‘कॉल ऑप्शन’ का प्रयोग किया है और वित्तीय वर्ष 2019-20 में जारी की गई $1 बिलियन की सतत प्रतिभूतियों को भुनाया है।”

‘कॉल ऑप्शन’ एक प्रकार का अधिकार है (परन्तु दायित्व नहीं) जिसके तहत स्थायी बांड जारीकर्ता को एक विशिष्ट समय पर या कुछ शर्तों के अधीन बांड को भुनाने की अनुमति होती है। हालाँकि, सैद्धांतिक रूप से इस प्रकार के बांड की कोई परिपक्वता तिथि नहीं होती है। एयरटेल ने कहा, “हालांकि, इन सतत प्रतिभूतियों की कोई संविदात्मक परिपक्वता नहीं थी और इन पर 5.65 प्रतिशत की ब्याज दर थी।”

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