रायपुर: छत्तीसगढ़ में मिलेट (मोटे अनाज) के प्रति आमजन की रुचि बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मकर संक्रांति के मौके पर विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों को मगर संक्रांति के उपहार के तौर पर मिलेट हैंपर भेजा है। प्रदेश में मिलेट को प्रोत्साहित करने के प्रयास हो रहे हैं। इसी के चलते आंगनबाड़ी और मिड डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजन शामिल हैं।राज्य में मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। साथ ही कांकेर जिले में 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है।
हाल ही मुख्यमंत्र बघेल ने सभी विधायकों को मिलेट्स से बने व्यंजनों के साथ लंच कराया। लंच के मेन्यु में स्टार्टर में रागी का सूप, रागी के पकोड़े, कोदो भजिये, बाजरा और गुड़ के पुये, कुटकी के फरे और चीले शामिल किये गये थे। साथ ही मेन कोर्स में बाजरे की कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा, रागी की रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। डेजर्ट में रागी, कुटकी कप केक, रागी हलवा के साथ कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर का लुत्फ उठाया।अब मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति की बधाई और शुभकामनाओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों, देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों, कलाकारों, साहित्यकारों, मीडिया, फिल्म जगत, राजनीतकि क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्वों को मिलेट हैंपर भेजा है।छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सराहना की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री बघेल को रायपुर में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह दी थीं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक दिसंबर 2021 से मिलेट मिशन शुरू किया गया है, जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती को बढ़ावा देना, मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना तथा दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है।इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करते हुए उपार्जन किया जा रहा है।मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। मिलेट्स उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ के मान से नौ हजार रूपए की आदान सहायता भी दी जा रही है।प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विस्तारित किया जा रहा है।
इसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मिलेट की खेती को प्रोत्साहन करने, किसानों को प्रशिक्षण देने, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है। 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।