नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्वास्थ्य, कृषि और सस्टेनेबल शहरों में एआई के लिए तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) स्थापित करने का ऐलान किया। यह सीओई वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर वित्त वर्ष 2027-28 के बीच 990 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बूस्ट करना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, तीन एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक भलाई के मंदिर के रूप में उभरेंगे और दुनिया के लिए सॉल्यूशंस प्रोवाइडर के रूप में भी उभरेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि एआई-सीओई नौकरी सृजनकर्ताओं और धन सृजनकर्ताओं की एक नई पीढ़ी तैयार करेंगे और वैश्विक सार्वजनिक भलाई के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।जोहो के संस्थापक और सीईओ श्रीधर वेम्बू ने कहा कि इन परियोजनाओं का सीधा फायदा गांवों, शहरों और देश के लोगों को मिलेगा। वेम्बू ने कहा कि देश के टैलेंट को सही अवसर देना बहुत जरूरी है क्योंकि यह आने वाले 10 से 20 वर्षों में देश की सेवा करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीओई कई प्रयासों को बढ़ावा देगा, कंपनियां बनाएगा, टैलेंट को आगे बढ़ाएगा और हमारे टैलेंट पूल के लिए अवसर पैदा करेगा। सरकार ने पहल के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए वेम्बू की सह-अध्यक्षता में शीर्ष समिति का भी गठन किया है। इससे पहले सरकार की ओर से वजीसी-एक्स (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक और रियल्टी) सेक्टर में नया नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का ऐलान किया गया था।
सीओई, आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख संस्थानों की तर्ज पर बनाया जाएगा। सीओई में केंद्र सरकार विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी और विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, जिससे एक मजबूत टैलेंट पूल तैयार हो सके। छात्रों को इससे प्रैक्टिकल ज्ञान मिलेगा। ग्रेजुएशन के बाद उन्हें नौकरी पाने में आसानी होगी।