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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने शीर्ष निर्यातकों की संस्था एफआईईओ सहित सभी निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) के लिए संशोधित चुनाव उपनियमों का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत एक अध्यक्ष दो साल तक पद पर रहेगा और तत्काल अगला चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होगा। ईपीसी और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) के लिए एसोसिएशन/उपनियमों के संशोधित मॉडल लेखों को इन निकायों द्वारा अपनाया जाना और उनके पदाधिकारियों के चुनाव आयोजित करना आवश्यक है।
एफआईईओ की स्थापना 1965 में देश में निर्यात प्रोत्साहन के एक शीर्ष निकाय के रूप में की गई थी। इन सभी परिषदों और संगठनों को पहले ही इन मॉडल उपनियमों की जानकारी दे दी गई है। यह चुनाव के लिए पात्रता मानदंडों की समीक्षा करने और उन्हें अधिक समावेशी बनाने के लिए मई में मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं। समिति ने मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की और प्रबंध समिति तथा अन्य पदों में विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधित्व के बारे में उपयुक्त सिफारिशें कीं।
इसके बाद इन निकायों में चुनाव रोक दिए गए थे। अब इन नए संशोधित उपनियमों को अपनाने के बाद सभी परिषद और एफआईईओ, चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अभी तक चुनाव वर्ष 2015 में बने उपनियमों के तहत होते थे। मॉडल उपनियमों के अनुसार, एक अध्यक्ष चार साल के अंतराल के बाद ही उसी/किसी अन्य परिषद में उपाध्यक्ष के रूप में फिर से चुनाव लड़ने के लिए पात्र होगा। समिति के उपाध्यक्ष का चयन परिषद द्वारा दो वर्ष की अवधि के लिए किया जाएगा। इसमें कहा गया कि प्रशासन समिति निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों से बनी होगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ह्यह्य समिति के निर्वाचित सदस्यों की कम से कम एक तिहाई सीट एमएसएमई के प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित होंगी। मंत्रालय ने इन सभी निकायों के चेयरमैन/अध्यक्ष को भेजे एक संवाद पत्र में कहा कि समीक्षा समिति ने सभी ईपीसी तथा एफआईईओ के साथ कई दौर की आंतरिक चर्चा और हितधारकों के परामर्श के बाद संशोधित उपनियम के साथ अपनी रिपोर्ट वाणिज्य विभाग को सौंप दी। इसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है। इन 27 पृष्ठ के उपनियमों में चुनाव के लिए पात्रता, सदस्यों के इस्तीफे, परिषद की सदस्यता के लिए अयोग्यता तथा चुनाव आयोजित करने की विधि का प्रस्ताव दिया गया है।