नयी दिल्ली: विमानन नियामक डीजीसीए ने स्पाइसजेट को अपनी बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही एयरलाइन को हाल ही में बढ़ी हुई निगरानी में रखा गया था। डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि
अपर्याप्त रखरखाव और पिछले साल मानसून के दौरान हुई घटनाओं के मद्देनजर स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी में रखा गया था।
अधिकारी ने कहा, ”ऐसे में पूरे भारत में 11 स्थानों पर बोइंग 737 और बॉम्बार्डियर डीएचसी क्यू-400 विमानों के बेड़े की 51 जांच की गईं। इस दौरान कुल 23 विमानों का निरीक्षण किया गया। डीजीसीए दलों ने 95 टिप्पणियां कीं।” उन्होंने कहा कि निष्कर्ष सामान्य प्रकृति के थे और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उन्हें महत्वपूर्ण नहीं माना।
अधिकारी ने कहा, ”डीजीसीए दिशानिर्देशों के अनुसार टिप्पणियों पर एयरलाइन ने उचित कार्रवाई की, जिसके चलते स्पाइसजेट को डीजीसीए की बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया गया है।” इससे पहले पीटीआई-भाषा ने 11 जुलाई को बताया था कि डीजीसीए ने स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत रखा है। उस दिन इस खबर के बारे में एयरलाइन ने इनकार किया था। संपर्क करने पर स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा था, ”जानकारी बिल्कुल गलत है और इसका दृढ़ता से खंडन किया जाता है।”